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झारखंड में लगातार गिर रहा है कुओं का जलस्तर

रांची : झारखंड में कुएं का जलस्तर लगातार कम हो रहा है. केंद्रीय भूमिगत जल बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के सभी जिलों में पानी का जलस्तर दो मीटर कम हो रहा है. बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट 2013-14 में इसका उल्लेख किया गया है. राज्य के पलामू, गढ़वा, कोडरमा और पाकुड़ में पानी […]

रांची : झारखंड में कुएं का जलस्तर लगातार कम हो रहा है. केंद्रीय भूमिगत जल बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के सभी जिलों में पानी का जलस्तर दो मीटर कम हो रहा है. बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट 2013-14 में इसका उल्लेख किया गया है.
राज्य के पलामू, गढ़वा, कोडरमा और पाकुड़ में पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पायी गयी है, जबकि साहेबगंज जिले में आर्सेनिक पाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के छह प्रखंडोंं में भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है, जबकि सेमी क्रिटिकल के रूप में पांच ब्लॉक चिह्नित किये गये हैं.
बोर्ड की ओर से चार चरणों में सर्वेक्षण कर यह रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है. इसमें मई 2013, अगस्त 2013, नवंबर 2013 और जनवरी 2014 तक सभी जिलों में अवस्थित कुएं की स्थिति का जायजा लिया गया था.
इसी आधार पर कुएं के औसत जलस्तर की गिरावट अथवा वृद्धि की रिपोर्ट प्रकाशित की गयी. इस आंकड़े का मिलान एक दशक के आंकड़ों के आधार पर भी किया गया. इसमें भी जलस्तर में कमी की बातें सामने आयी हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि धनबाद और पूर्वी सिंहभूम जिले में वर्ष 2013 मई में सबसे अधिक कुएं के जलस्तर में गिरावट देखी गयी. 161 कुएं के सर्वेक्षण में पाया गया कि इसका जलस्तर पांच से दस मीटर तक कम हुआ, जबकि 41 कुओं में 10 मीटर से अधिक पानी का स्तर कम हुआ.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मई 2003 से लेकर मई 2012 तक 42.3 प्रतिशत कुंओं के शून्य से दो मीटर तक जल स्तर में कमी पायी गयी. वहीं, जनवरी 2004 से जनवरी 2014 तक दो से चार मीटर तक पानी का स्तर गिरा. राज्य भर के 88 प्रतिशत इलाकों में निर्मित कुओं की यह स्थिति देखी गयी, जबकि कुछ जगहों पर अप्रत्याशित रूप से पानी का स्तर भी बढ़ा है.
सिर्फ छह फीसदी िहस्सा ही हो पा रहा है रिचार्ज
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में नदी-तालाबों से सिर्फ 4.46 प्रतिशत पानी रिचार्ज हो रहा है, जबकि अन्य स्त्रोतों से सिर्फ 0.14 प्रतिशत पानी ही रिचार्ज हो रहा है. कुल मिला कर राज्य में पानी के पुनर्भरन की स्थिति छह प्रतिशत से भी कम है.
राज्य भर में कुओं के सर्वेक्षण में पाया गया कि राज्य में 60 फीट तक गहराई वाले कुएं अधिक थे. राज्य भर में 44 कुओं का पानी दो मीटर तक कम हुआ, जबकि सात कुओं में चार मीटर से अधिक पानी की कमी दर्ज की गयी. वहीं आधा दर्जन कुओं में चार मीटर से अधिक पानी का स्तर कम हुआ.

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