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कृषि मंत्री के वाहनों पर 9.2 लाख का डीजल खर्च
रांची: राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कुरसी मिलने के बाद गुजरे नौ महीनों के दौरान अपनी गाड़ियाें में 18,400 लीटर से अधिक डीजल भराया है. डीजल की औसत दर 50 रुपये प्रति लीटर माना जाये, तो मंत्री की गाड़ियाें में भराये गये डीजल की कुल कीमत 9.2 लाख रुपये होती है. केवल जामताड़ा […]
रांची: राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कुरसी मिलने के बाद गुजरे नौ महीनों के दौरान अपनी गाड़ियाें में 18,400 लीटर से अधिक डीजल भराया है. डीजल की औसत दर 50 रुपये प्रति लीटर माना जाये, तो मंत्री की गाड़ियाें में भराये गये डीजल की कुल कीमत 9.2 लाख रुपये होती है. केवल जामताड़ा जिला प्रशासन से मंत्री ने अपनी गाड़ी में 5.5 लाख रुपये का डीजल भरवाया है. श्री सिंह फरवरी 2015 में मंत्री बने. इसके बाद से उनकी गाड़ियाें में जामताड़ा जिला प्रशासन भी डीजल भरा रहा है.
डीजल में हुए इस खर्च के लिए जामताड़ा उपायुक्त ने पत्र लिख कर कृषि विभाग ने उक्त राशि मांगी है. वहीं कृषि विभाग ने राशि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में मंत्री की गाड़ियाें के डीजल पर खर्च की राशि के भुगतान के लिए कैबिनेट से विशेष आवंटन जारी करने का आग्रह किया है. इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की सहमति के लिए भेजा है.
विभाग से हर महीने लेते हैं 750 लीटर डीजल
कृषि विभाग द्वारा मंत्री की गाड़ियों में हर महीने कम से कम 750 लीटर डीजल दिया जाता है. मंत्री की आवश्यकतानुसार डीजल या पेट्रोल की मात्रा में बढ़ोतरी भी की जाती है. जामताड़ा जिला प्रशासन द्वारा मंत्री की गाड़ी में भराये गये डीजल के मद में मांगी गयी राशि विभाग द्वारा दिये गये डीजल से अलग है.
हर महीना लाख रुपये का डीजल
प्रावधान के मुताबिक, कृषि मंत्री की गाड़ियों के डीजल या पेट्रोल मद में कृषि विभाग द्वारा प्रति माह कम से कम 37 हजार रुपये दिये गये हैं. यानी, फरवरी 2015 में रणधीर सिंह के मंत्री बनने के बाद से अब तक कृषि विभाग 3.7 लाख रुपये से अधिक की राशि मंत्री की गाड़ियों के डीजल या पेट्रोल के मद में खर्च कर चुका है. जिला प्रशासन के खर्च को जोड़ें, तो मंत्री की गाड़ियाें में अब तक 9.2 लाख रुपये का डीजल या पेट्रोल खर्च हो चुका है. यह हिसाब पिछले नौ माह का है, यानी हर माह मंत्री की गाड़ियों में लाख रुपये से ज्यादा का डीजल खर्च हाेता है.
क्या है प्रावधान
मंत्रियों को उनके विभाग से तीन गाड़ियों के लिए प्रति गाड़ी हर माह 250 लीटर पेट्रोल या डीजल दिये जाते हैं. मुख्यालय से बाहर आने-जाने केे लिए ईंधन की अलग से व्यवस्था की जाती है.
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