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प्री-फैब्रिकेटेड तकनीक से बन सकती है कॉलोनी
झरिया पुनर्वास रांची : झरिया विस्थापितों के लिए बनायी जाने वाली कॉलोनी पर सरकार गंभीर है. करीब एक लाख मकान विस्थापितों के लिए बनाया जाना है. इसमें पहले चरण में 30 हजार मकान बनाये जायेंगे. राज्य सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द इसका निर्माण हो. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कॉलोनी को शीघ्र बनाने का […]
झरिया पुनर्वास
रांची : झरिया विस्थापितों के लिए बनायी जाने वाली कॉलोनी पर सरकार गंभीर है. करीब एक लाख मकान विस्थापितों के लिए बनाया जाना है. इसमें पहले चरण में 30 हजार मकान बनाये जायेंगे.
राज्य सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द इसका निर्माण हो. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कॉलोनी को शीघ्र बनाने का निर्देश दिया है. सरकार वैसे विकल्पों पर भी विचार कर रही है जिसमें कम समय लगता है. सरकार प्री-फैब्रिकेटेड तकनीक के विकल्प पर भी विचार कर रही है.
टीम ने किया दिल्ली में स्कूल का दौरा
गुरुवार को सीएम के सचिव सुनील वर्णवाल, खान निदेशक एसपी नेगी और धनबाद डीसी ने दिल्ली में एक प्री-फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का अध्ययन किया. शिवनादर फाउंडेशन द्वारा बनाये गये शिवनादर स्कूल का टीम ने दौरा किया. यह स्कूली पूरी तरह प्री-फैब्रिकेटेड तकनीक से बनायी गयी है.
नर्सरी से प्लस टू तक कक्षाएं हैं. लैब भी है. बताया गया कि काफी मजबूत स्ट्रक्चर भी है. सौ दिनों में स्कूल का निर्माण हो गया था. बताया गया कि टीम इससे संबंधित एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी देगी, ताकि कोल इंडिया इस विकल्प पर भी विचार करे. हालांकि अभी अंतिम रूप से निर्णय नहीं किया गया है कि कॉलोनी का ढांचा कैसा होगा.
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