रांची: रांची विवि के कुलपति डॉ एलएन भगत ने कहा कि विवि वित्तीय मामलों में सबल हुआ है, लेकिन गुणवत्तायुक्त शिक्षा में वांछित सफलता नहीं मिल पायी है. वर्तमान में उपलब्ध मानव संसाधन के संपूर्ण उपयोग के बावजूद यह स्थिति है.
विवि में प्राचार्य के 15 में से 10 पद रिक्त हैं. इसी प्रकार 38 प्रोफेसर, 79 रीडर, 276 लेक्चरर के पद रिक्त हैं. अंगीभूत महाविद्यालयों में 207 तृतीय व 223 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के पद रिक्त हैं. रिक्तियों को भरने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया जाता रहा है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो सका है. अब सीनेट के सदस्यों से सार्थक सहयोग की अपेक्षा है. कुलपति शनिवार को सीनेट की बैठक में अपना अभिभाषण दे रहे थे.
कुलपति ने कहा कि विवि के शिक्षक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाते रहे हैं. शिक्षकों को शिक्षण एवं शोध कार्य के लिए जिन संसाधनों की आवश्यकता होगी, उसकी पूर्ति करना विवि का दायित्व है. शिक्षकों को शोध कार्य के लिए विवि सेवा आयोग से स्वीकृत राशि आयोग से मिल रही है. विवि के पूर्ववर्ती विद्यार्थी भी विवि को ऊंचे स्तर पर ले जाने में मददगार सिद्ध हो रहे हैं. एनएसएस के विद्यार्थियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए टिस के साथ समझौता हुआ है. 10 कॉलेजों में इसे शुरू करना है. रांची वीमेंस कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज में इसे शुरू किया गया है.
शीघ्र ही अन्य विद्यार्थियों को भी इससे जोड़ा जायेगा. कुलपति ने कहा कि रांची विवि को बेस्ट रिजनल यूनिवर्सिटी का अवार्ड 16 से 19 दिसंबर 2013 को ऑक्सफोर्ड लंदन में आयोजित ऑक्सफोर्ड समिट ऑफ लीडर्स, साइंस एंड एडुकेशन समारोह में दिया जायेगा. राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा विवि का मूल्यांकन कराने की तैयारी आरंभ कर दी गयी है. शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों की समस्याओं के निदान से ही विवि की उन्नति एवं प्रसिद्धि संभव है. विवि इसके लिए कृत संकल्प है. सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मचारियों के बकाये के भुगतान कराना हमारी प्राथमिकता है. कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों का बकाया व लंबित प्रोन्नति दिलाना हमारा कर्तव्य है.