केंद्रीय मंत्री श्री सिंह बुधवार को विकास भारती में आयोजित कौशल विकास से संबंधित कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सकारात्मक बहस को छोड़ नकारात्मक बहस की जा रही है.
दरअसल, मोदी के बढ़ते कदम से विपक्ष की सहिष्णुता को खतरा पैदा हो गया है. लोग कहते हैं देश का माहौल खराब है. देश का माहौल तब खराब था, जब कश्मीर में लोगों को घर से बाहर निकाला जा रहा था, बहू-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही थी. देश का माहौल तब खराब था, जब 1984 में सिख दंगे हुए. कांग्र्रेसियों में बहस करने की हिम्मत नहीं है. कांग्रेस देश में नयी संस्कृति पैदा कर रही है.
केंद्रीय मंत्री श्री सिंह बुधवार को विकास भारती में ‘कौशल विकास में खादी ग्रामोद्योग आयोग की भूमिका’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार केंद्र सरकार ने लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय बनाया और इसके लिए बजटीय प्रावधान भी किया. उन्होंने कहा कि हुनर के बगैर आदमी शून्य है. इसलिए केंद्र सरकार ने ऐसी व्यवस्था बनायी, जिसमें युवा कहीं भी रह कर अपने कौशल के जरिये राेजगार पा सकेंगे. उन्होंने कहा कि हमें गांवों में रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे. युवाओं को खादी से जोड़ कर रोजगार दे सकते हैं.
खादी रोजगार यहां सबसे बड़ा केंद्र बन सकता है. आज कपड़े में खादी का मात्र डेढ़ प्रतिशत ही शेयर है. इसका कारण है कि हम खादी से युवाओं को नहीं जोड़ पाये. आज गांवों में चरखा नहीं दिखता, क्योंकि उसकी आमदनी मनरेगा से भी कम है. हैंडलूम का सूत हम नहीं दे पाते हैं. हमें गांवों के उत्पादों को वैल्यू एडेड करना है. कौशल विकास के आंकड़े को 90 प्रतिशत करने का प्रयास होगा. मौके पर विकास भारती के सचिव अशोक भगत ने कहा कि गांवों में खेती परक उत्पादन हो. खादी एक मिशन बने. उन्होंने कहा कि खेती के साथ ही खादी का भी विकास हो. विकास भारती के उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम का संचालन निखिलेश मैती ने किया. मौके पर लघु एवं सूक्ष्म उद्योग विभाग के कई अधिकारी, रंजना कुमारी, किशोर मंत्री, ललन कुमार समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे.