रांची: श्री अद्वैत स्वरूप संन्यास आश्रम परमपुरी की रांची संगत शाखा के द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह में प्रवचन को आगे बढ़ाते हुए महात्माओं ने भजनों की झड़ी लगा दी. इस दौरान पूजनीय रागिनी बहन ने माला की न टूटे लड़ी. नाम जप ले घड़ी दो घड़ी गाकर उपस्थित श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया.
कार्यक्रम में उपस्थित संत धर्मेशानंद स्वामी ने उत्तरायण और दक्षिणायन मार्ग की विवेचना करते हुए कहा कि ऐसी बात नहीं है कि उत्तरायन में मरनेवाले जीवों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और दक्षिणायन में मरनेवाले फिर आवागमन के चक्र में गिरते हैं.
महामंडलेश्वर पूजनीय साध्वी निर्भयानंद पूरी जी ने अपने प्रवचन में कहा कि सत्य भाव से गुरु की कृपा प्राप्त करनी चाहिए. गुरु लोक मंगल की भावना से ओतप्रोत होते हैं. उनकी कृपा मात्र से ही हमारा उद्धार हो सकता है. बस आवश्यकता है कि हम उनके प्रति प्रेम, श्रद्धा, और निष्ठा के भाव को पुष्ट करें. गुरु ने ईश्वर प्राप्ति के जो साधन बताये हैं, उसे सतत जगाये रखना है. इस अवसर पर डीके सिंह, डीएन राम, सुरेंद्र ठाकुर, नागेंद्र प्रसाद सिंह, अनिल सिंह आदि उपस्थित थे.