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एमओयू पर क्या काम हुआ: हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने पैनम कोल माइंस के विस्थापितों के हितों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने जानना चाहा कि कोल माइंस प्रबंधन व विस्थापितों के बीच जो एमअोयू हुआ था, […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने पैनम कोल माइंस के विस्थापितों के हितों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने जानना चाहा कि कोल माइंस प्रबंधन व विस्थापितों के बीच जो एमअोयू हुआ था, उसके आलोक में प्रबंधन ने क्या कार्रवाई की है.
प्रबंधन भी बिंदुवार कार्यों की जानकारी दे. खंडपीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व प्रतिवादी कोल माइंस प्रबंधन की अोर से खंडपीठ को बताया गया कि एमअोयू के आलोक में कार्य पूरा कर लिया गया है. माइंनिग की जिम्मेवारी अब दूसरी कंपनी को मिल गयी है.
प्रार्थी ने प्रतिवादी के जवाब का विरोध करते हुए कहा कि प्रबंधन ने एमअोयू के आलोक में आधा-अधूरा कार्य किया है. इसे देखते हुए सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए यह बताने का निर्देश दिया कि क्या-क्या कार्य करना था आैर क्या कार्य किये गये हैं. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजमहल पहाड़ बचाअो की अोर से जनहित याचिका दायर की गयी है.
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