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मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झारखंड में कई सेवानिवृत्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान नहीं करने पर केंद्र और झारखंड के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि झारखंड में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कई सेवानिवृत्त शिक्षकों […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने झारखंड में कई सेवानिवृत्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान नहीं करने पर केंद्र और झारखंड के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है.
आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि झारखंड में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कई सेवानिवृत्त शिक्षकों को सेवानिवृत्ति लाभों और पेंशनों का लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है और झारखंड के विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) संकटग्रस्त शिक्षकों की आवश्यकता के प्रति असंवेदनशील दिखायी पड़ रहे हैं.
आयोग ने कहा, अगर मीडिया रिपोर्ट की सामग्री सही है, तो सेवानिवृत्ति और पेंशन के लाभों को जारी नहीं करने का गंभीर मुद्दा उठता है, जो झारखंड में कॉलेजों के सेवानिवृत्त प्रोफेसरों की जीवन, स्वतंत्रता, गरिमा और स्वास्थ्य देखभाल के मानवाधिकारों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव, यूजीसी अध्यक्ष, झारखंड सरकार के (स्वास्थ्य विभाग) के सचिव और सिद्धो कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका, झारखंड के कुलपति को नोटिस जारी किया गया है. आयोग ने दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
मीडिया में आयी खबर के अनुसार, 70 वर्षीय रूपनारायण फलहारी (देवघर के एक कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर), 2009 में सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी गत 22 दिसंबर को बेहतर इलाज के लिए वित्तीय समर्थन के अभाव में मौत हो गयी. यह बताया गया कि उनकी सेवानिवृत्ति के 20 लाख रुपये का बकाया एसकेएमयू विश्वविद्यालय के पास लंबित था.
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