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लाइसेंस लिया नहीं, मंगा ली 20 लाख की मशीन

राजीव पांडेय रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स का जेनेटिक विंग तीन साल से सिर्फ नाम के लिए है. विभाग खोल दिया गया. दो डिप्टी डायरेक्टर बना दिये गये. मशीनें भी आ गयी, लेकिन मरीजों काे इसका फायदा नहीं मिल रहा है. मरीजों की जांच के लिए जेनेटिक वर्क स्टेशन एक साल पहले […]

राजीव पांडेय
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स का जेनेटिक विंग तीन साल से सिर्फ नाम के लिए है. विभाग खोल दिया गया. दो डिप्टी डायरेक्टर बना दिये गये. मशीनें भी आ गयी, लेकिन मरीजों काे इसका फायदा नहीं मिल रहा है. मरीजों की जांच के लिए जेनेटिक वर्क स्टेशन एक साल पहले रिम्स में आ गया, लेकिन इसके लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट का लाइसेंस नहीं लिया गया. लाइसेंस नहीं मिलने के कारण मशीन अभी बेकार पड़ी हुई है. विंग के दोनाें डिप्टी डायरेक्टर कार्य का निर्वहन नहीं करते हैं, लेकिन एक दूसरे की जिम्मेदारी कह कर पल्ला झाड़ देते हैं. गौारतलब है कि रिम्स में जेनेटिक विंग वर्ष 2013 में बनाया गया था.
एमसीआइ से भी नहीं ली अनुमति : रिम्स के जेनेटिक विंग को खोलने व मशीन को चालू करने की अनुमति जेनेटिंग विंग के पदाधिकारियों ने नहीं ली. रिम्स प्रबंधन को जब जेनेटिक विंग की खराब स्थिति की जानकारी हुई, तो पांच जनवरी को डिप्टी डाइरेक्टर डॉ चंद्रहास को बुलाया गया. निदेशक ने उनसे पूछा कि विंग क्यों नहीं चल रहा है, तो उन्होंने कहा कि इसके लिए लाइसेंस की आवश्यकता है. एमसीआइ से अनुमति भी लेना है.
निदेशक डॉ शेरवाल ने कहा कि अगर आप मशीन का उपयोग नहीं करेंगे, तो अन्य विभाग को मशीन दे दी जायेगी.
रिम्स में अजीब स्थिति है
यह तो अजीब स्थिति है. पिछले तीन साल से जेनेटिक विंग बन कर तैयार है, लेकिन मशीन के लिए लाइसेंस नहीं लिया गया. दो डिप्टी डायरेक्टर हैं, लेकिन काम कुछ नहीं होता है. लाइसेंस के लिए कहा गया है. लाइसेंस मिलते ही अन्य विंग में इस मशीन का उपयोग किया जायेगा.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक, रिम्स
रांची : झारखंड में फिल्म निर्माण से जुड़ी हस्तियों ने फिल्म सिटी निर्माण की मांग की है. सूचना भवन में फिल्म निर्माण से जुड़े विषयों पर आयोजित प्रथम बैठक में प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य सरकार ने निष्पक्ष एवं ईमानदारी पूर्वक फिल्म नीति का निर्माण किया है़
राज्य सरकार ने फिल्म के विकास और फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों की समस्याओं को समाप्त करने के लिए विशेष कदम उठाया है. पीआरडी निदेशक अवधेश कुमार पांडेय ने फिल्म नीति की प्रमुख बातें बतायीं, साथ ही अतिथियों से फिल्म सिटी के निर्माण से संबंधित सुझाव मांगा.
मुंबई से आये फिल्म निर्माता अशोक शरण ने कहा कि फिल्म नीति से राज्य में फिल्म निर्माण की संभावनाओं को बल मिलेगा और राज्य की प्रतिभा को अवसर मिलेगा़ उन्होंने पतरातू में फिल्म सिटी बनाने की मांग की.
डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता मेघनाथ ने कहा फिल्म सिटी कैसा हो, रामोजी फिल्म सिटी की तरह हो याकेरल के फिल्म विकास निगम की तरह हो, इस पर चर्चा होनी चाहिए. फिल्म निर्माण से जुड़े प्रकाश ने फिल्म नीति के क्रियान्वयन पर कई सुझाव भी दिये. बीजू टोप्पो ने झारखंड फिल्म विकास निगम के शीघ्र गठन की मांग की़ अनिल सिकदर, सुशील अंकण, सच्चिदानंद खलखो, अरविंद सहाय, धनंजय नाथ तिवारी व अन्य लोगों ने पतरातू में फिल्म सिटी बनाने पर जोर दिया. प्रबल महतो ने क्षेत्रीय फिल्मों के प्रोत्साहन हेतु सरकार से विशेष प्रयास करने को कहा़
जमशेदपुर से आये संताली फिल्म निर्माण से जुड़े रमेश हांसदा ने फिल्म नीति की सराहना की और सरकार के प्रति आभार जताया. पीआरडी निदेशक श्री पांडेय ने कहा कि फरवरी में पीआरडी एक कार्यशाला आयोजित करेगा़ इसमें फिल्म निर्माण से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा होगी, साथ ही फिल्म के विकास पर भी लोगों से परामर्श किया जायेगा.

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