जिस मामले को सरकार वापस ले रही है, उसमें 11 गवाही हो चुकी है. सभी ने उनके विरोध में गवाही दी है. जिस केस में गवाही हो चुकी है, उस केस को सरकार को वापस नहीं लेना चाहिए था. इस मामले में जिस तत्कालीन डीएसपी ने विधायक ढुल्लू महतो के विरोध में रिपोर्ट लिखी थी, उस डीएसपी को भी वहां से हटा कर दूसरे डीएसपी की पोस्टिंग की गयी तथा पुरानी रिपोर्ट को हटा कर फिर से नयी रिपोर्ट बनायी गयी. इसके बाद सरकार ने केस उठाने का काम किया है.
इससे पहले कमल किशोर भगत की सदस्यता चली गयी. वर्तमान में विधायक अमित महतो का मामला है. इस तरह कई ऐसे विधायक हैं, जिन पर कुछ न कुछ मामला दर्ज है, जिसे सरकार को हटा देना चाहिए. कहा कि भाजपा इस मामले में कठघरे में खड़ी है. श्री महतो ने कहा कि विधायक ढुल्लू महतो पर दर्ज मामले में सरकार के इस फैसले की जांच होनी चाहिए. ढुल्लू महतो पहले झाविमो के विधायक थे.
आखिर उन्हें किस शर्त पर भाजपा में लाया गया था? निश्चित रूप से भाजपा के साथ ढुल्लू महतो की यह डील हुई थी कि भाजपा में शामिल होने तथा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन पर दर्ज मुकदमों को वापस ले लिया जायेगा. यह पूरा मामला एक तरह का हॉर्स ट्रेडिंग का मामला है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. इस पूरे प्रकरण में केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें दोषी हैं. श्री महतो ने कहा कि वे जल्द ही इस मामले को लेकर अन्य विधायकों के साथ राज्य के मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मिल कर उन्हें पत्र सौपेंगे.