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आदिवासी हितों के लिए राष्ट्रपति से करेंगे गुहार
-दस जनवरी को आदिवासी छात्र संघ व सांगा पड़हा, खूंटी करेगा मास्टर प्लान का विरोध -दस फरवरी को बड़ी रैली की घोषणा रांची : आदिवासी छात्र संघ व सांगा पड़हा खूंटी ने झारखंड कैबिनेट द्वारा मास्टर प्लान 2037 को स्वीकृति देने को असंवैधानिक करार दिया. प्रतिनिधियों ने कहा कि दस जनवरी को राष्ट्रपति के झारखंड […]
-दस जनवरी को आदिवासी छात्र संघ व सांगा पड़हा, खूंटी करेगा मास्टर प्लान का विरोध
-दस फरवरी को बड़ी रैली की घोषणा
रांची : आदिवासी छात्र संघ व सांगा पड़हा खूंटी ने झारखंड कैबिनेट द्वारा मास्टर प्लान 2037 को स्वीकृति देने को असंवैधानिक करार दिया. प्रतिनिधियों ने कहा कि दस जनवरी को राष्ट्रपति के झारखंड आने पर प्रदर्शन किया जायेगा व उनसे इस मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया जायेगा.
गुरुवार को होटल सूर्या में प्रतिनिधियों ने दस फरवरी को मोरहाबादी में एक विशाल रैली करने की घोषणा भी की़ सदस्यों ने कहा कि मास्टर प्लान रद्द करने की मांग सीएम व राज्यपाल से पहले ही की गयी है, लेकिन उन्होंने संज्ञान नहीं लिया़
आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि झारखंड कैबिनेट द्वारा मास्टर प्लान 2037 को स्वीकृति देना असंवैधानिक है़ अनुसूचित क्षेत्रों के लिए बिना जनजातीय परमर्शदातृ परिषद (टीएसी) की सहमति के राज्य सरकार के कैबिनेट द्वारा निर्णय लेना ही असंवैधानिक है़
मास्टरप्लान के बहाने सीएनटी एक्ट और अनुसूचित क्षेत्र को प्रभावहीन करने की काेशिश हो रही है़ राज्य सरकार ने चालाकी से संविधान की पांचवी अनुसूची के प्रावधानों और अनुच्छेद 243 (जेडसी) का उल्लंघन किया है़ बाहरी आबादी को यहां बसाने का षड्यंत्र किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यह मौलिक अधिकार के अनुच्छेद 19 (5) का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में बाहरी आबादी का इतना प्रवेश न कराया जाये कि उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, धार्मिक और राजनैतिक व्यवस्था छिन्न- भिन्न हाे जाये़ मौके पर सोमा मुंडा, जलेश्वर भगत, प्रभाकर कुजूर, अजय चिल्गू, गणेश, अमृता मुंडू उपस्थित थे.
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