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सरगना अरुण रांची का सीसीएलकर्मी
वारदात. कुंदन पाहन के नाम पर रंगदारी मांगनेवाला गिरफ्तार रांची/जमशेदपुर : आदित्यपुर हाइटेक कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट सह बिष्टुपुर सर्किट हाउस एरिया निवासी शिवकुमार चौधरी से माओवादी कुंदन पाहन के नाम पर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने सीसीएल के क्लर्क प्रीतराम अजय को गिरफ्तार किया है. वह कई राज्यों के […]
वारदात. कुंदन पाहन के नाम पर रंगदारी मांगनेवाला गिरफ्तार
रांची/जमशेदपुर : आदित्यपुर हाइटेक कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट सह बिष्टुपुर सर्किट हाउस एरिया निवासी शिवकुमार चौधरी से माओवादी कुंदन पाहन के नाम पर 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने सीसीएल के क्लर्क प्रीतराम अजय को गिरफ्तार किया है.
वह कई राज्यों के कारोबारियों व अधिकारियों से माओवादी के नाम पर रंगदारी वसूल चुका है.गुरुवार को एसएसपी अनूप टी मैथ्यू ने बताया कि प्रीतराम पिछले 10 दिनों से बिष्टुपुर निवासी शिवकुमार से फोन पर रंगदारी मांग रहा था, जिसे गिरफ्तार किया गया. प्रीतराम की निशानदेही पर पुलिस ने गिरोह के सरगना अरुण कुमार के रांची स्थित आवास पर छापेमारी की. वह दरभंगा हाउस, सीसीएल मुख्यालय भूगर्भशास्त्र विभाग में कार्यरत है.
उसके आवास से पुलिस ने 64 हजार रुपये समेत स्कॉरपियो, तीन मोबाइल फोन समेत कई सामान बरामद किये हैं. अरुण कुमार अभी फरार है. एसएसपी ने बताया है कि प्रीतराम ने बोकारो सीसीएल के कई अधिकारियों, व्यवसायियों, रैक लोडिंग करनेवाले ठेकेदारों और ट्रांसपोर्टरों से नक्सली के नाम पर रंगदारी मांगी है.
मार्च 2014 में जेल जा चुका है अरुण
सीसीएल कर्मचारी अरुण कुमार को रांची के पुलिस ने पंडरा के रिवर साइड कॉलोनी से गत 29 मार्च को गिरफ्तार किया था. उसके पास से पुलिस ने छह सीम बरामद किये थे. उसने नामकुम प्रखंड के कर्मचारी शशिभूषण सिंह से 55 हजार रुपये की रंगदारी मांगी थी.
श्री सिंह ने अरुण कुमार के खिलाफ जगन्नाथपुर थाने में प्राथिमकी दर्ज करायी थी. तब के तत्कालीन सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि अरुण कुमार सीसीएल के दरभंगा हाउस में कार्यरत है. उसके पिता की मौत के बाद उसे अनुकंपा पर नौकरी मिली थी.
उसकी मां भी सीसीएल में ही कार्यरत है. वर्ष 2004 में चतरा के पिपरवार थाना में दर्ज अपहरण के एक मामले में भी अरुण कुमार आरोपी था. वर्ष 2012 में इसी अरुण कुमार ने अरुण राम के नाम पर फोन कर एक कोयला कारोबारी दिनेश सिंह से 12 हजार रुपये की वसूली की थी.
तत्कालीन सिटी एसपी ने तब बताया था कि अरुण कुमार कभी भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर कुंदन पाहन, तो कभी पीएलएफआइ के सरगना दिनेश गोप, तो कभी जेपीसी के नायक जी के नाम पर फोन कर लोगों से लेवी वसूलने का काम करता है.
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