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लातेहार के दो नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर

रांची: लातेहार जिले के दो नक्सली कमांडर ने देसी राइफल (.315 बोर) व िपस्तौल के साथ मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी डीके पांडेय के सामने सरेंडर कर दिया़ सरेंडर करनेवालों में भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर कुलदीप मेहता और एरिया कमांडर गजेंद्र साव उर्फ गज्जू साव शामिल हैं. गजेंद्र साव लातेहार के छिपादोहर […]

रांची: लातेहार जिले के दो नक्सली कमांडर ने देसी राइफल (.315 बोर) व िपस्तौल के साथ मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी डीके पांडेय के सामने सरेंडर कर दिया़ सरेंडर करनेवालों में भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर कुलदीप मेहता और एरिया कमांडर गजेंद्र साव उर्फ गज्जू साव शामिल हैं. गजेंद्र साव लातेहार के छिपादोहर थाना क्षेत्र के अमवाटीकर गांव का रहनेवाला है़

कुलदीप मेहता मनिका थाना क्षेत्र के पल्हैया गांव का निवासी है़ गजेंद्र साव पर लातेहार जिले में 32 मामले दर्ज हैं. उस पर सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था़ गजेंद्र लातेहार के कटिया जंगल में मुठभेड़ में शहीद जवान के शव में बम प्लांट करनेवालों में शामिल था. डीजीपी ने दोनों नक्सलियों को 50-50 हजार रुपया नकद दिये. साथ ही अन्य सुविधाएं भी समय पर उपलब्ध कराने की बात कही़


एडीजी अभियान एसएन प्रधान ने बताया : कुलदीप मेहता उतरी लातेहार का सबजोन का कमांडर था़ वहीं, गजेंद्र साव दक्षिणी लातेहार जोन का एरिया कमांडर रैंक का. संगठन ने इसी साल उसे सब जोनल कमांडर बनाया था़ गजेंद्र साव के परिवार को इनाम के पांच लाख रुपये मिलेंगे़ कुलदीप मेहता के परिवार को इनाम की घोषणा होने के बाद इसकी राशि दी जायेगी़ पलामू के डीआइजी साकेत सिंह ने कहा कि दोनों नक्सलियों को सरेंडर कराने में सीआरपीएफ के डीआइजी राजीव राय, लातेहार एसपी अनूप बिरथरे समेत अन्य पदाधिकारियों और दोनों के परिजनों ने सरहानीय भूमिका निभायी है.
कई नक्सली छोड़ना चाहते हैं संगठन
नक्सली गजेंद्र साव ने बताया कि संगठन से सदस्यों का मोहभंग हो रहा है. संगठन के और भी कई सदस्य सरेंडर करना चाहते हैं. उन्हें सरेंडर पॉलिसी के बारे में जानकारी नहीं है, इस कारण उनमें डर है. कुलदीप मेहता ने बताया कि उसे अब पता चल गया है कि संगठन गलत कामों में लिप्त है. इस कारण उसने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया.
कटिया कांड का आरोपी है गजेंद्र साव
लातेहार के एसपी अनूप बिरथरे ने बताया : गजेंद्र साव कटिया जंगल में 13 जवानों की हत्या और इंदर सिंह नामधारी के काफिले की स्कॉर्ट पार्टी को उड़ाने की घटना में भी शामिल था़ दोनों के सरेंडर से कोयलशंख जोन में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है. दोनों पिछले पांच-छह साल में लातेहार जिले में हुई हर नक्सली घटना में शामिल थे. अन्य नक्सली भी सरेंडर कर सकते हैं.
‘‘नयी सरेंडर नीति के कारण ऑपरेशन नयी दिशा को नया मोड़ मिला है. नक्सलियों पर इनाम का राशि बढ़ायी गयी है. उम्मीद करता हूं कि नये साल में और भटके हुए युवक सरेंडर कर मुख्यधारा में शामिल होंगे.
डीके पांडेय, डीजीपी

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