कहा गया कि चक्रानुक्रम व्यवस्था के तहत प्रथम वर्ष के लिए राज्य सरकार द्वारा रांची विवि के एक प्रतिनिधि का नाम, प्लस-टू नेशनल हाइस्कूल दुमका के अजय कुमार गुप्ता, छह ख्याति प्राप्त विद्यानुरागी, जिसमें एससी कोटि से नेतरहाट आवासीय विद्यालय के डाॅ प्रसाद पासवान, एसटी कोटि से मांडर कॉलेज मांडर के व्याख्याता डाॅ नाथू गाड़ी, बीसी कोटि से रामावतार प्रसाद केसरी, महिला कोटि से घाटशिला कॉलेज घाटशिला की व्याख्याता डाॅ पुष्कर बाला, अल्पसंख्यक कोटि से डोरंडा कॉलेज के डाॅ हरमिंदर वीर सिंह, सामान्य कोटि से सेवानिवृत्त उप निदेशक यमुना गिरि, संस्कृत विद्वान के रूप में अवकाश प्राप्त डाॅ दीपाचंद्र राम कश्यप, अरबी, फारसी या उर्दू के विद्वान एसएस मेमोरियल कॉलेज के मो एजाज अहमद, प्रख्यात व अनुभवी शिक्षाविद वनांचल शिक्षा समिति के डाॅ वासुकी यादव, इंटर कॉलेज के प्राचार्य कोटि से इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के संजीत कुमार मिश्रा को सदस्य मनोनीत किया गया है.
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निर्णय: साढ़े पांच साल बाद होगा गठन, जारी होगी अधिसूचना जैक बोर्ड को सीएम की मंजूरी
रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के बोर्ड गठन की दिशा में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. लगभग साढ़े पांच वर्ष बाद जैक बोर्ड का गठन होगा. इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 19 सदस्य होते हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बोर्ड के सदस्यों के मनोनयन पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है. मुख्यमंत्री की सहमति […]
रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के बोर्ड गठन की दिशा में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. लगभग साढ़े पांच वर्ष बाद जैक बोर्ड का गठन होगा. इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 19 सदस्य होते हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बोर्ड के सदस्यों के मनोनयन पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है. मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग अधिसूचना जारी करेगा. उक्त प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री डाॅ नीरा यादव ने पहले ही स्वीकृति दे दी थी.
गौरतलब है कि बोर्ड सदस्यों के मनोनयन के लिए शिक्षा विभाग के अपर आयुक्त हंसराज सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था. समिति ने अपनी अनुशंसा समर्पित की थी, जिस पर विभागीय मंत्री ने सहमति दी. जून 2010 से जैक बोर्डविहीन था. बोर्ड के गठन में हो रहे विलंब को देखते हुए वर्ष 2011 में झारखंड इंटरमीडिएट शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के महासचिव रघुनाथ सिंह ने झारखंड हाइकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की थी. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को बोर्ड बनाने का आदेश दिया था, लेकिन निर्धारित समय सीमा के अंदर बोर्ड का गठन नहीं किया गया. इसके बाद महासचिव श्री सिंह ने पुन: हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. इसमें राज्य सरकार ने बोर्ड गठित करने से संबंधित अंडरटेकिंग दाखिल की. अंडरटेकिंग के बाद कोर्ट ने अवमानना याचिका निष्पादित कर दी थी.
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