राजधानी के दो व्यवसायियों ने जब एसीबी चीफ से मुलाकात कर नोटिस के संबंध में पूछा, तब मामले का खुलासा हुआ. तब मामले में गंभीरता बरतते हुए एसीबी चीफ के निर्देश पर जांच शुरू हुई. जांच में पता चला कि एसीबी की ओर से किसी व्यवसायी को नोटिस नहीं भेजा गया है.
आइजी मुरारी लाल मीणा ने बताया कि एसीबी के अधिकारियों को बदनाम करने की कहीं यह कोशिश तो नहीं हो रही है, इसकी जांच की जायेगी. नोटिस किसने भेजा है, उसकी तलाश में अफसर जुट चुके हैं. आइजी ने बताया कि व्यवसायियों को नोटिस डाक के जरिये भेजा जा रहा है. पूर्व में भी निगरानी मंत्रिमंडल और निगरानी के अधिकारियों के नाम पर रुपये मांगने की बात सामने आ चुकी है. जब इस बात की जानकारी तत्कालीन निगरानी आइजी मुरारी लाल मीणा को मिली थी, तब उन्होंने मामले में गंभीरता बरती थी. मामले में निगरानी के प्रभारी एसपी आलोक कुमार ने बताया कि एसीबी में दर्ज किसी मामले में किसी व्यकि को नोटिस भेज कर यह नहीं बताया जाता है कि आपके खिलाफ कार्रवाई चल रही है. एसीबी के आइजी और एसपी के नाम पर नोटिस भेज कर भ्रम पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है.