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महिला व बाल विकास मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने गिनायी उपलब्धियां, नि:शक्तों के लिए विशेष योजना चलायी जायेगी

रांची : कल्याण एवं महिला व बाल विकास मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 से सरकार नि:शक्तों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करेगी. नेत्रहीनों, मूकबधिरों और अन्य के लिए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नयी योजनाएं सरकार की तरफ से लायी जायेंगी. बजट में यह भी प्रावधान किया जायेगा […]

रांची : कल्याण एवं महिला व बाल विकास मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 से सरकार नि:शक्तों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करेगी. नेत्रहीनों, मूकबधिरों और अन्य के लिए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नयी योजनाएं सरकार की तरफ से लायी जायेंगी. बजट में यह भी प्रावधान किया जायेगा कि राज्य के नि:शक्त बच्चे अपनी उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में भी जा सकें. सूचना भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ मरांडी ने कहा कि नि:शक्तों के लिए राज्य में विशेष कैंपस भी विकसित किया जायेगा.
उन्होंने कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, महिला और बाल विकास विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति को एक ट्रैक पर लाने का प्रयास किया है. इसके लिए बकाये छात्रवृत्ति को सरकार ने कम करने की भी कोशिश की है. उन्होंने कहा कि 34.26 लाख झारखंडी बच्चों (एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों) को 234 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गयी है. राज्य में कल्याण विभाग के अधीन 507 छात्रावास बनाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें से 373 का काम पूरा हो गया है. कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय 15 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन कर दिया है. वक्फ न्यायाधीकरण को जल्द ही नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा.
समाज कल्याण में 51 फीसदी राशि खर्च
डॉ मरांडी ने कहा कि समाज कल्याण विभाग की तरफ से अब तक के बजट की 42 फीसदा राशि खर्च कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका को सरकार जल्द साइकिल उपलब्ध करायेगी. इसके लिए सेविका के खातों में पैसे ट्रांसफर किये जायेंगे. राज्य में चल रहे पूरक पोषाहार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, डायन प्रथा उन्मूलन, किशोरी बालिकाओं को एंटी ट्रैफिकिंग से बचाने और उनके पुनर्वास को लेकर कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही लातेहार, दुमका और अन्य जिलों में बाल गृह का संचालन का काम स्वंयसेवी संस्थानों के जरिये कराया जायेगा.
नवनिर्मित अस्पतालों का संचालन जल्द शुरू होगा
डॉ मरांडी ने कहा कि सरकार ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति ग्राम विकास योजना के तहत 5755 गांवों का चयन किया है. इसके लिए जिलों को राशि भी उपलब्ध करायी जा रही है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला स्तरीय जनजातीय परामर्शदातृ समिति और अनुसूचित जनजाति विकास परिषद का भी गठन किया गया है. आदिम जनजाति के लिए पहाड़िया कल्याण केंद्र की शुरुआत कर दी है. दुमका में इनके लिए मोबाइल वैन की भी शुरुआत की जा रही है. पहाड़िया स्वास्थ्य केंद्र में फिलहाल आठ कर्मी कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग द्वारा नवनिर्मित मननचोटाग (लातेहार), बानो (सिमडेगा), बड़ाचिरु(चाईबासा), नागफेनी (गुमला) और लोदाडीह(चक्रधरपुर) में बने अस्पतालों का संचालन जल्द शुरू कर दिया जायेगा.

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