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निगरानी में 240 मामले देखने के लिए सिर्फ 21 अधिकारी

रांची: निगरानी ब्यूरो में वर्तमान में 60 केस और आरोप की जांच के लिए 180 मामले दर्ज हैं. दर्ज केस और जांच में पूर्व मंत्री से लेकर, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व आइपीएस, डीसी, इंजीनियर सहित कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं, जबकि दर्ज केस और मामलों की जांच के लिए निगरानी के पास अधिकारी नहीं […]

रांची: निगरानी ब्यूरो में वर्तमान में 60 केस और आरोप की जांच के लिए 180 मामले दर्ज हैं. दर्ज केस और जांच में पूर्व मंत्री से लेकर, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व आइपीएस, डीसी, इंजीनियर सहित कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं, जबकि दर्ज केस और मामलों की जांच के लिए निगरानी के पास अधिकारी नहीं है.

अधिकारियों की कमी सरकार को निगरानी बता चुकी है, इसके बाद भी सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है. नतीजा: कई केस अनुसंधान के लिए लंबित हैं. वहीं दर्ज मामलों में जांच नहीं हो पा रही है. वहीं वैसे मामले, जो कोर्ट में चल रहे हैं, उन मामलों को देखने के लिए निगरानी के पास वकील नहीं है. संसाधनों की भी कमी है. अधिकारियों की कमी के कारण निगरानी के अधिकारी दर्ज मामलों का अनुसंधान प्राथमिकता के आधार पर कर रहे हैं. वर्तमान में निगरानी ने नेशनल गेम घोटाला और कृषि उपकरण और बीज खरीद घोटाला मामले को अपनी प्राथमिकता में रखा है.

बड़ी जांच

अधिकारी आरोप कार्रवाई

पूर्व डीजीपी बीडी राम व जेबी तुबिद डाटा सेंटर निर्माण में गड़बड़ी जांच पूरी, जांच का एंगल नहीं

पर अभी क्लीन चीट नहीं

पूर्व डीजीपी जीएस रथ लाइट का टेंडर निकालने में गड़बड़ी जांच जारी है

श्रीनिवास कुमार (डीसी चाईबासा) मनरेगा में गड़बड़ी जांच जारी है

इंजीनियर गुप्तेश्वर कुमार लोहरदगा में अस्पताल निर्माण में गड़बड़ी जांच चल रही है

इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करना जांच चल रही ह

आस्था क्रियेशन कंपनी सोलर लाइट खरीद दारी में गड़बड़ी जांच चल रही है.

जैक सचिव सुशील राय गलत ढंग से लोगों की नियुक्ति करना जांच चल रही है

पूर्व इंजीनियर राम विनोद सिन्हा आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करना जांच चल रही है

पूर्व इंजीनियर प्रेम नाथ शाही आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करना जांच जारी है

निगरानी के पास वकील तक नहीं
रांची सहित राज्य के छह जिले धनबाद, दुमका, चाईबासा, डालटनगंज, और हजारीबाग में दर्ज मामले को देखने के लिए निगरानी का अपना वकील तक नहीं है. सिर्फ हाइकोर्ट के दो वकील के भरोसे कामकाज चल रहा है. इसके साथ रिश्वत लेनेवालों को पकड़ने के लिए निगरानी के पास वाहन तक की समस्या है. वकीलों के नहीं रहने से निगरानी कोर्ट में दर्ज मामलों को देखनेवाला कोई नहीं. इसके साथ वकीलों के नहीं रहने से निगरानी के अधिकारी को खुद न्यायालय में मामले में शपथ पत्र दायर करना पड़ रहा है.

कम संसाधन के बावजूद हुए कई काम
निगरानी ब्यूरो ने वर्ष 2013 में कम संसाधन होने के बावजूद कई निगरानी में कई काम हुए. जनवरी से लेकर 30 अक्तूबर तक निगरानी के अधिकारियों ने रिश्वत लेने के आरोप में 26 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इनमें अधीक्षण अभियंता एक, कार्यपालक अभियंता दो, कोषागार पदाधिकारी एक, कारखाना निरीक्षक एक, सीडीपीओ एक, कनीय अभियंता एक, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी दो, प्रखंड विकास पदाधिकारी एक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी दो, शिक्षा प्रसाद पदाधिकारी एक और अन्य कर्मचारी शामिल है. इनके पास से कुल 5.89,300 रुपये रिश्वत की राशि बरामद की गयी है. साथ ही घर तलाशी के दौरान 16,26,410 रुपये मिले. पिछले अक्तूबर माह में निगरानी बीज खरीद में हुए करोड़ों के घोटाले में शामिल होने के आरोप में पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता तक गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

बड़े केस जो हैं दर्ज

अधिकारी आरोप कार्रवाई

विजय पांडेय ( पूर्व चेयर मैन, बिजली बोर्ड) आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करना गिरफ्तारी का आदेश, लेकिन पकड़ से बाहर

रमोद नारायण झा, अखिलेश कुमार, ऋण वितरण के नाम पर करोड़ों का गबन प्राथमिकी दर्ज, अनुसंधान जारी

नंद किशोर मिश्र उर्फ नरेंद्र मिश्र

(सभी पूर्व एमडी केंद्रीय सहकारिता बैंक धनबाद)

सुबोध कुमार गुप्ता(पूर्व भूमि सुधार समाहर्ता) हिनू में भूमि घोटाला प्राथमिकी दर्ज, अनुसंधान जारी

पूर्व एसडीओ रामानंद प्रसाद सिंह

पूर्व प्राचार्य देवनीश किड़ो आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करना प्राथमिकी दर्ज, अनुसंधान जारी

पूर्व सांसद आरके आनंद सहित अन्य नेशनल गेम में करोड़ों का घोटाला प्राथमिकी दर्ज, अनुसंधान पूरा, कार्रवाई की तैयारी

पूर्व इंजीनियर नारायण खां सहित अन्य मोहम्मद गंज बराज निर्माण में गड़बड़ी प्राथमिकी दर्ज, अनुसंधान जारी

संजय सिन्हा (पूर्व एमडी, जरेडा) सहित 11 आरोप सोलर लाइट खरीद में 10 करोड़ की गड़बड़ी प्राथमिकी दर्ज, अनुसंधान जारी

विजय बहादुर मिश्र (पूर्व सहायक अभियंता आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करना अनुसंधान जारी, लेकिन इंजीनियर का पता नहीं

आरपी सिंह सहित नौ कृषि अधिकारी कुआं निर्माण में 19 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी प्राथमिकी दर्ज, लेकिन आरोपी पकड़ से बाहर

डीएसपी मधुसूदन गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त होना प्राथमिकी दर्ज, अनुसंधान जारी

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