रांची : सोमवार को पहली पाली में सदन की कार्यवाही नहीं चली़ सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायक पिछले दिनों पारित हुए ठेका मजदूर विधेयक के प्रावधानों पर आपत्ति जताते हुए वेल में घुस गये़ झामुमो के विधायकों के हंगामे के कारण पहली पाली में सदन स्पीकर दिनेश उरांव को सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी़ सदन में ठेका मजदूर कानून के प्रावधानों पर प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार ने मजदूर विरोधी कानून बनाया है़ मजदूरों के शोषण के लिए कानून बनाया गया है़ सरकार ने मनमाने ढंग से मजदूर विरोधी नीति बनायी है़.
इस पर स्पीकर श्री उरांव का कहना था कि विधेयक पारित हो गया़ उस पर पुनर्विचार करना अभी संभव नहीं है़ प्रक्रिया के तहत आना होगा़ प्रतिपक्ष के नेता ने जैसे ही अपनी बातें पूरी की, झामुमो के सभी विधायक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते वेल में आ गये़ ठेका मजदूर कानून वापस लेना होगा, पूंजीपतियों का पक्ष लेना बंद करो, बहुमत के जोर पर जनविराधी नीति पारित नहीं होने देंगे के नारे लगाने लगे़.
उधर सत्ता पक्ष के विधायक अनंत ओझा, विरंची नारायण, निर्भय शाहबादी सहित दूसरे विधायक विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी़ शोर-शराबे में मंत्री राज पालिवार ने कहा कि सदन को फेस नहीं करते है़ं चर्चा के दौरान भाग गये और आज हल्ला कर रहे है़ं विपक्ष झारखंड विरोधी है़ उधर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने कहा कि ठेका मजदूर विधेयक सदन में आया, तो उसमें कोई संशोधन नहीं लाया़ अब अगर विपक्ष को लग रहा है कि त्रुटि है, तो प्रक्रिया के तहत आये़ं.
संशोधन का तरीका है, विपक्ष गैर सरकारी संकल्प ला सकता है़ सरकार वह हर काम करने के लिए तैयार है, जो व्यापक हित में होगा़ विपक्ष के प्रस्ताव पर सरकार विचार करने के लिए भी तैयार है, लेकिन प्रक्रिया के तहत आये़ं इस पर प्रदीप यादव का कहना था कि विधेयक के प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई़ स्पीकर बार-बार सीट पर जा कर अपनी बातें रखने का आग्रह कर रहे थे, लेकिन झामुमो के विधायक सुनने के लिए तैयार नहीं थे़ स्पीकर विपक्ष के रवैये से नाराज थे़ स्पीकर ने कहा : सदन ना तो बहुमत के जोर पर और ना ही विपक्ष की हठधर्मिता पर चलता है़ इसके बाद स्पीकर ने दिन के 11़.30 बजे सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी़ सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो मंत्री सरयू राय ने कहा कि विपक्ष को एतराज था, तो इसकी अग्रिम सूचना देनी चाहिए थी़ इस तरह से सदन को बाधित करना सही नहीं है़.
सदन में पक्ष-विपक्ष के प्रश्न थे़ ये जनता के प्रश्न थे़ इस तरह से विपक्ष की कार्य संस्कृति पर सवाल उठेगा़ 11़ 50 बजे स्पीकर ने दोबार 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी़ सदन की कार्यवाही तीसरी बार शुरू हुई, तो झामुमो के विधायक फिर वेल में आ गये़ स्पीकर का आग्रह सुनने के लिए तैयार नहीं थे़ स्पीकर प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन से आग्रह कर रहे थे कि वे अपने विधायकों को सीट पर भेजे़ं
विपक्ष की नारेबाजी के बीच मंत्री सरयू राय ने कहा कि नुकसान राज्य की जनता का हो रहा है़ सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है़ विपक्ष कार्यवाही चलने दे, नियम के तहत आये़ विपक्ष सदन को हांके नही़ं श्री राय ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता को बताना चाहिए कि वे संविधान मानते हैं या नहीं, कानून मानेंगे या नही़ विपक्ष के इस तरीके से राज्य की प्रतिष्ठा का हनन हो रहा है़ देश-दुनिया में गलत संदेश जा रहा है़ संसदीय कार्यमंत्री का भाषण चल रहा था, उधर झामुमो के विधायक विरोध में डटे थे़ शोर थमने का नाम नहीं ले रहा़ इसके बाद स्पीकर ने दिन के दो बजे तक के लिए तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी़
विपक्ष ने असंवैधानिक तरीका अपनाया: स्पीकर
झारखंड कारखाना संशोधन विधेयक में विपक्ष की ओर से की जा रही मांग पर स्पीकर दिनेश उरांव ने गंभीर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि विधानसभा से विधेयक पारित हो गया है. अब यह कानून बन गया है. ऐसे में कुछ विपक्षी दलों की ओर से सोमवार को अपनाया गया विरोध का तरीका असंवैधानिक है. विपक्ष ने ऐसे समय विरोध जताया, जब अन्य विधेयक पारित हो रहे थे. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सदन की गरिमा को अक्षुण रखना हम सब की जिम्मेवारी है. सदन किसी एक दल का नहीं होता है. सदन से राज्य की जनता की अपेक्षाएं होती हैं, उस पर हमें खरा उतरना होगा.
नव-निर्वाचित विधायक सुखदेव ने ली शपथ
रांची . लोहरदगा उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले विधायक सुखदेव भगत सोमवार को सदन पहुंचे़ कांग्रेस के नव-निर्वाचित विधायक श्री भगत ने विधायक पद की शपथ ली़ सभा सचिवालय के प्रभारी सचिव विनय कुमार सिंह ने श्री भगत को शपथ दिलायी़ श्री भगत ने सदन में अपने पहले दिन की कार्यवाही में हिस्सा भी लिया़ उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर विशेष चर्चा में अपनी बातें भी रखी़
45,223 करोड़ के कर्ज का बोझ
रांची . राज्य पर कर्ज को बोझ बढ़ कर 45223.36 करोड़ रुपये हो गया है. विधानसभा में पेश किये गये नियंत्रक महालेखा परीक्षक एसके शर्मा की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है. प्रभारी मंत्री ने विधानसभा में सीएजी की दो रिपोर्ट पेश की. इस में वित्तीय वर्ष 2014-15 का फाइनांस अकाउंट और एप्रोप्रियेशन अकाउंट शामिल है. फाइनांस अकाउंट में राज्य की वित्तीय स्थिति की चर्चा करते हुए कहा गया कि 31 मार्च 2015 तक राज्य पर कर्ज का बोझ 45223.36 करोड़ रुपये हो गया था. आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि तक सरकार पर अपने आंतरिक स्रोतों से लिए गये कर्ज का बोझ 32755.36 करोड़ रुपये हो गया था. इसी अवधि तक विकास योजनाओं के लिए लिये गये कर्ज का बोझ 2085.19 करोड़ रुपये था. लघु बचत और प्रोविडेंट फंड से लिए गये कर्ज का बौझ 1356.02 करोड़ रुपये था. उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के पहले वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल 2001 को राज्य पर कर्ज का बोज 6189.23 करोड़ रुपये था. उसके मुकाबले 31 मार्च 2015 तक राज्य पर कर्ज का बोझ सात गुना से अधिक बढ़ गया है. राज्य गठन के पहले वित्तीय वर्ष में राज्य के हर आदमी पर 2300 रुपये का कर्ज था. अब राज्य का हर आदमी 16481 रुपये का कर्जदार हो गया है.
कानून व्यवस्था फेल : हेमंत
नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सोमवार को सदन का ध्यान बरियातू में दो महिलाओं के साथ हुए गैंप रेप पर आकृष्ट कराया. उन्होंने कहा गया कि राजधानी में कानून व्यवस्था फेल हो गयी है. रविवार को देर रात राजधानी में दो युवतियों के साथ गैंग रेप हुआ. पीड़िता अपने परिवार के साथ थाना पहुंची तो पुलिस को जानकारी मिली.
ज्यां द्रेज ने देखी कार्यवाही
रांची . अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने सोमवार को सदन की कार्यवाही देखी. खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर बुलायी गयी विशेष चर्चा के दौरान ज्यां द्रेज, बलराम, विष्णु राजगढ़िया, गुरजीत, बबिता सिन्हा दर्शक दीर्घा में मौजूद रहे.