रांची: झारखंड में पिछले तीन साल में प्रत्येक वर्ष औसतन 200 से अधिक भारतीय और राज्य प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला होता है. इसे आधार माना जाये तो हर दूसरे दिन झारखंड में एक अफसर बदले जाते हैं. यहां पर प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के कुछ प्रमुख अफसरों का तबादला औसतन दो बार हुआ […]
रांची: झारखंड में पिछले तीन साल में प्रत्येक वर्ष औसतन 200 से अधिक भारतीय और राज्य प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला होता है. इसे आधार माना जाये तो हर दूसरे दिन झारखंड में एक अफसर बदले जाते हैं. यहां पर प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के कुछ प्रमुख अफसरों का तबादला औसतन दो बार हुआ है.
पिछले तीन साल के अंदर राज्य में पदस्थापित आधा दर्जन से अधिक अफसरों का तबादला सात बार तक किया गया है. रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में 270 अफसरों का तबादला हुआ है. इसमें एसडीओ रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं. कई अफसरों को प्रोन्नति के बाद पदस्थापन किया गया है. हेमंत सोरेन सरकार की तुलना में रघुवर दास सरकार में 66 अधिक अफसरों का तबादला किया गया है.
वर्ष 2014 में हेमंत सरकार में 204 अफसरों का तबादला हुआ था. इस बात का खुलासा हाइकोर्ट वकील सह आरटीआइ कार्यकर्ता सुनील महतो द्वारा मांगी गयी सूचना से हुआ है. श्री महतो द्वारा सरकार से पिछले तीन साल में सरकार की ओर से किये गये तबादलों की सूची मांगी गयी थी. आइएएस अफसर राहुल शर्मा का तीन दिन के अंदर दो बार तबादला हुआ है. 13 अक्तूबर 2014 को इनका तबादला ग्रामीण विकास विभाग में किया गया था. तीन दिन बाद 16 अक्तूबर 2014 को इनका तबादला श्रम एवं प्रशिक्षण विभाग में कर दिया गया था. वहीं राजीव अरुण एक्का का एक दिन में दो बार तबादला किया गया. 23 जुलाई 2015 को इनका तबादला महिला विकास विभाग में किया गया. एक दिन बाद फिर 24 जुलाई को इनका तबादला झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में किया गया. इसी प्रकार मृदुला सिन्हा का एक दिन में दो बार तबादला हुआ था. इन्हें 23 जुलाई 2015 को झारखंड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में तबादला किया गया. एक दिन बाद फिर 24 जुलाई 2015 को इनका तबादला श्रम एवं प्रशिक्षण विभाग में किया गया था.
दो साल से पहले नहीं हो सकता तबादला
सिविल सेवा बोर्ड भारतीय प्रशासनिक सेवा नियमावली 1954 के नियम सात उप नियम तीन और चार में आइएएस अफसरों के तबादला का प्रावधान किया गया है. इसमें कहा गया है कि अगर अफसरों का तबादला दो साल से पहले किया जाता है, तो सरकार को इसकी जानकारी सिविल सेवा बोर्ड को देनी होगी. बोर्ड के संतुष्ट होने के बाद ही समय से पहले अफसरों का तबादला किया जा सकता है.
झारखंड सिविल सेवा बोर्ड ने नहीं भेजी है रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस वर्ष फरवरी माह में झारखंड सिविल सेवा बोर्ड का गठन किया गया. नियम के तहत झारखंड सिविल सेवा बोर्ड की ओर से प्रत्येक तीन माह में केंद्रीय सिविल सर्विस बोर्ड को रिपोर्ट भेजना है. इसके बावजूद सितंबर माह तक झारखंड सिविल सर्विस बोर्ड की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है.
प्रमुख अफसरों के तबादले की सूची
अफसर कितने तबादले
डीके तिवारी सात
मृदुला सिन्हा सात
राजीव वरुण एक्का सात
सुनील कुमार वर्णवाल सात
अरुण कुमार सिंह छह
विष्णु कुमार् छह
राहुल शर्मा छह
रतन कुमार पांच
वंदना डाडेल पांच
एनएन सिन्हा पांच