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विधानसभा: जेपीएससी पर उठे सवाल सरकार ने रखा पक्ष, स्पीकर खफा, बोले सरकार हो सकती है विवश, सभा नहीं
रांची: विधानसभा में शुक्रवार को जेपीएससी की पांचवीं मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला उठा़ सरकार ने संवैधानिक सीमा-मर्यादा का हवाला देते हुए जेपीएससी की कार्यप्रणाली में किसी भी तरह का हस्तक्षेप न करने की विवशता बतायी़ इस पर स्पीकर दिनेश उरांव नाराज हो गये़ उन्होंने कहा : सरकार विवश हो सकती है, […]
रांची: विधानसभा में शुक्रवार को जेपीएससी की पांचवीं मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला उठा़ सरकार ने संवैधानिक सीमा-मर्यादा का हवाला देते हुए जेपीएससी की कार्यप्रणाली में किसी भी तरह का हस्तक्षेप न करने की विवशता बतायी़ इस पर स्पीकर दिनेश उरांव नाराज हो गये़ उन्होंने कहा : सरकार विवश हो सकती है, सभा विवश नहीं है़ सरकार की सामूहिक जवाबदेही है़ राज्य की जनता आशा भरी निगाह से हमारी ओर देख रही है़ विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका को संवैधानिक ताना-बाना के साथ अधिकार है़ .
2000 से लेकर 2015 तक पांचवीं जेपीएससी की परीक्षा हुई़ जितनी भी परीक्षा हुई, यह संवैधानिक संस्था संदेह के घेरे में आयी. सरकार ने सजगता के साथ जबाव दिया़ स्पीकर ने पूछा : क्या आयोग कानून से ऊपर है़ सरकार विवश है़ सरकार तथ्यों की जांच कर ले, उसे कोर्ट में रखे़
किसने क्या कहा
छात्रों के भविष्य का सवाल है, निगरानी जांच करायें : हेमंत सोरेन
जांच कराने में क्या मजबूरी है, पहले भी जांच हुई है : प्रदीप यादव
मुख्य परीक्षा में रिजेक्शन नहीं होता, 618 छात्र पास हैं या फेल बतायें : नवीन
आयोग बार-बार गड़बड़ी करता रहे, हमारे छात्र पिछड़ते रहे : रवींद्र नाथ
बार-बार जेपीएससी परीक्षा पैटर्न क्यों बदलता है, रिजेक्शन मुख्य परीक्षा में कैसे : किशोर
मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले की जांच हो रही है, जेपीएससी की क्यों नहीं हो सकती : मनोज यादव
जेपीएससी के करतूत की जांच होनी चाहिए : शिवशंकर उरांव
जेपीएससी के कामकाज पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती सरकार
सरकार का पक्ष रखते हुए सरयू राय ने कहा : जेपीएससी संवैधानिक संस्था है़ उच्च अधिकार प्राप्त संस्था है़ संवैधानिक सीमा और मर्यादा है कि सरकार इस संस्था के कामकाज में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती है़ जेपीएससी के साथ दो पहलु हैं, एक व्यावहारिक, तो दूसरा संवैधानिक. जेपीएससी की अपनी नियमावली है, जिसके आधार पर परीक्षाएं होती है़ं 618 छात्रों का मामला है, जिसमें 100 छात्र किसी ना किसी पेपर में परीक्षा से अनुपस्थित रहे. जेपीएससी के एडमिट कार्ड और ओएमआर सीट पर छात्रों के लिए निर्देश साफ-साफ दिये जाते है़ं ओएमआर सीट भरने में कहीं से विक्षक -इनवेजिलेटर की जवाबदेही नहीं है़ मंत्री ने सदन में कहा कि मामला न्यायालय में है़ सदन को यह भी देखना चाहिए कि हम कितना हस्तक्षेप कर सकते है़ं सरकार छात्रों के साथ सहानुभूति रखती है़ हम तथ्यों को देखते है़ं इस मामले में महाधिवक्ता से राय ली जायेगी़ सरकार कोई अनाधिकार चेष्टा नहीं करेगी़.
सरकार के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट
मंत्री सरयू राय के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं था़ झामुमो, कांग्रेस और झाविमो के विधायकों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायकों का भी मानना था कि गड़बड़ी हुई है़ विपक्ष के विधायक पूरे मामले में जांच के लिए अड़े गये़ विपक्षी विधायकों का कहना था कि सरकार जांच तो करा सकती है़ पहले भी जेपीएससी की परीक्षाओं की जांच हुई है़.
इन्होंने रखी अपनी बातें
विपक्ष की ओर से हेमंत सोरेन, प्रदीप यादव, रवींद्र नाथ महतो, मनोज यादव ने अपनी बातें रखीं, तो सत्ता पक्ष से राधाकृष्ण किशोर, नवीन जायसवाल ने भी जेपीएससी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये. चर्चा के अंत में स्पीकर ने अपनी बातें रखीं और कड़ी टिप्पणी की़
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