श्री सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण खरीफ मौसम में फसलों का काफी नुकसान हुआ है. सरकार ने खरीफ में 74.71 लाख एमटी खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में 55 लाख एमटी उत्पादन हुआ. पक्ष और विपक्ष दोनों राज्य में सूखा की स्थिति से सहमत हैं. जिला स्तर पर कमेटी बना दी गयी है. उन्हें सप्ताह में दो बार समीक्षा करने को कहा गया है. राज्य स्तर पर योजना विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली टॉस्क फोर्स रिव्यू कर रही है. राज्य आपदा राहत कोष में 1100 करोड़ रुपये पड़े हुए हैं. अनुमति मिलते ही इसे खर्च किया जायेगा.
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किसानों को राहत देने पर सत्ता और विपक्ष सब एकमत
रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने कहा है कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम तीन दिनों के अंदर आयेगी. केंद्र सरकार से सूखा राहत के लिए 1140.77 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. श्री सिंह बुधवार को सदन में सुखाड़ […]
रांची : कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग के मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने कहा है कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति का आकलन करने के लिए केंद्रीय टीम तीन दिनों के अंदर आयेगी. केंद्र सरकार से सूखा राहत के लिए 1140.77 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. श्री सिंह बुधवार को सदन में सुखाड़ व विस्थापन पर आयोजित विशेष चर्चा में सरकार का पक्ष रख रहे थे.
श्री सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण खरीफ मौसम में फसलों का काफी नुकसान हुआ है. सरकार ने खरीफ में 74.71 लाख एमटी खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा था. इसकी तुलना में 55 लाख एमटी उत्पादन हुआ. पक्ष और विपक्ष दोनों राज्य में सूखा की स्थिति से सहमत हैं. जिला स्तर पर कमेटी बना दी गयी है. उन्हें सप्ताह में दो बार समीक्षा करने को कहा गया है. राज्य स्तर पर योजना विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली टॉस्क फोर्स रिव्यू कर रही है. राज्य आपदा राहत कोष में 1100 करोड़ रुपये पड़े हुए हैं. अनुमति मिलते ही इसे खर्च किया जायेगा.
विस्थापन पर आयोग बनाये सरकार : प्रदीप यादव
प्रदीप यादव ने विस्थापन पर आयोग और विधानसभा की एक समिति बनाने की मांग की. कहा कि कल-कारखानों से गरीबी नहीं मिट सकती है. राज्य में 19 बड़ी परियोजनाओं से दो लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. अडानी और जिंदल को गोड्डा में फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने एक कमेटी बना दी. कमेटी ने जमीन की कीमत कम करने की अनुशंसा कर दी है. यह राज्य के लिए घातक है. उन्होंने कहा कि किसानों का सूद माफ होना चाहिए. 10 हजार रुपये प्रति एकड़ सहायता दें.
भटक रहा परिवार : चंपई
चंपई सोरेन ने कहा कि चांडिल डैम के विस्थापित परिवार अभी भी दर-दर भटक रहे हैं. 116 गांव को हटाने के बाद भी किसानों को पानी नहीं मिल रहा है. ईचा-खरकई डैम से 150 आदिवासी परिवार डूब जायेंगे. सरकार को इस स्कीम को बंद कर देना चाहिए.
जोन से लोग चिंतित : रामचंद्र
रामचंद्र सईस ने कहा कि दलमा को इको सेंसेटिव जोन घोषित कर दिये जाने से लोग चिंतित हैं. इसको लेकर आंदोलन भी हो रहा है. सरकार इस मामले में स्थिति स्पष्ट करे.
खाली जमीन लौटायें : महतो
योगेंद्र महतो ने कहा कि बीएसएल ने 10 एमटी उत्पादन के हिसाब से जमीन का अधिग्रहण किया था. अब तक मात्र 5.6 मिलियन टन ही उत्पादन हो पाता है. सैकड़ों एकड़ जमीन खाली है. इसे रैयतों को लौटाया जाना चाहिए.
15 करोड़ विस्थापित हुए : कोड़ा
गीता कोड़ा ने कहा कि आजादी के बाद झारखंड से 15 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं. इसके बावजूद विस्थापित के लिए कोई ठोस नियम नहीं है. सरकार को विस्थापन और पुनर्वास नीति लागू करनी चाहिए.
धनबाद में होगा विस्थापन : सिन्हा
राज सिन्हा ने कहा कि आनेवाले समय में केवल धनबाद में एक लाख से अधिक लोगों का विस्थापन होगा. इस क्षेत्र में कई इलाकों में खेती होती है. वे निगम इलाके में हैं. इसे निगम क्षेत्र से हटाया जाना चाहिए.
कृषि को दें उद्योग का दर्जा : आलम
आलमगीर आलम ने कहा कि कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाना चाहिए. हर बार सदन में सूखा के मुद्दे पर चर्चा होती है, लेकिन कुछ नहीं होता है. समय पर किसानों को उनकी जरूरत की चीजें उपलब्ध नहीं होती है.
सिंचाई सुविधा बढ़ाने पर खर्च हुए 61 अरब रुपये : राधाकृष्ण
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य गठन से अब तक हमने सिंचाई सुविधा बढ़ाने के नाम पर 61 अरब 18 करोड़ रुपये खर्च कर दिये हैं. इसके बावजूद भी हम सुखाड़ झेल रहे हैं. राज्य गठन के पहले 6.27 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा थी. इतना पैसा खर्च कर हम इसमें मात्र 2.67 लाख हेक्टेयर ही जोड़ पाये हैं. यह सदन या सरकार के लिए चिंता की बात है. राज्य गठन के बाद हम सात बार सुखाड़ झेल चुके हैं. यह सुखाड़ प्राकृतिक है या मानव निर्मित इस पर भी विचार होना चाहिए.
सत्ता पक्ष के विधायक ने ही किया विरोध
सरकार का पक्ष रखने के दौरान मंत्री रणधीर सिंह की एक बात का विरोध सत्ता पक्ष के विधायक साधुचरण महतो ने किया. मंत्री ने बताया कि चांडिल दांयी नहर योजना से 113 किलोमीटर तक पानी छोड़ा गया है. इसका विरोध करते हुए श्री महतो ने कहा कि दांयी नहर योजना का काम ही शुरू नहीं हो पाया है.
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