सचेतकों के सम्मेलन में विधानसभा सदस्यों की रायजनता पूछती है, क्या जवाब दूं : राज सिन्हारांची . विधानसभा सदस्य राज सिन्हा ने कहा है कि जनता के सवालों का मेरे पास जवाब नहीं है. आठ महीने से मंत्री का दिया हुआ आश्वासन पूरा नहीं हो रहा है. थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तीन-तीन घंटे बैठना पड़ता है. विधायिका की गरिमा को बरकरार रखने की जरूरत है. सरकार ने 11 महीने से विधायक फंड रिलीज नहीं किया है. जन प्रतिनिधि से लोगों की सबसे अधिक अपेक्षाएं रहती हैं. प्रश्नकाल किसी तरह बाधित नहीं होना चाहिए. विधायकों की समस्याओं को समझना होगा : जेपी पटेलविधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि विधायकों की समस्याओं को समझने की जरूरत है. विधायिका की गरिमा कैसे बनी रहे, इसके लिए सभी दल के सदस्यों को एकजुट होना होगा. विधानसभा सदस्यों की गरिमा पिछले एक वर्ष में गिरी है. एसी-डीसी बिल के बहाने अधिकारी फंड रिलीज नहीं कर रहे हैं. उन्होंने विधायक कोष की राशि तीन करोड़ से बढ़ाने की मांग भी की. उन्होंने कहा कि डीसी, डीडीसी स्तर के अधिकारियों में पैसे की हवस बढ़ी है.पांच वर्ष से बंद है चलकुसा प्रखंड का अस्पताल : जानकी यादवविधायक जानकी यादव ने सम्मेलन में चलकुसा प्रखंड के बंद पड़े अस्पताल को खुलवाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति को लेकर वे स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से मिले, पर अब तक कुछ नहीं हुआ. अस्पताल को खुलवाने की बात पर ही चुनाव जीता था. अब जनता को जवाब दे नहीं पा रहा हूं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और अन्य से अस्पताल चालू करवाने की दिशा में कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया.व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हो : युगेश्वर महतोविधायक युगेश्वर महतो ने कहा कि विधानसभा की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत है. सत्र के दौरान समय का दुरुपयोग न हो. पक्ष, विपक्ष दोनों को इसके लिए आगे आना होगा. नीतिगत फैसला लेना होगा. उन्होंने विधानसभा का सत्र 50 दिनों तक करने की मांग की. यह भी कहा कि लोकसभा और राज्यसभा की तरह स्टैंडिंग समितियां बने. नयी चीज सीखने की जरूरत : डॉ जीतू चरण रामविधायक डॉ जीतू चरण राम ने कहा कि नयी चीजें सीखने की जरूरत सभी सदस्यों को है. पदाधिकारी जन प्रतिनिधियों का आदर करें, इसके लिए खुद ही अच्छा बनना होगा. उन्होंने कहा कि राज्य में विधायिका सर्वोपरी है. विधायिका और कार्यपालिका के बीच टकराव की स्थिति न हो. इस पर ध्यान देने की जरूरत है.हम पदाधिकारियों से काम नहीं करा पाते : हरिकृष्ण सिंहविधायक हरिकृष्ण सिंह ने कहा है कि सदन पर पूरे राज्य की आस्था रहती है. विधानसभा सदस्य पदाधिकारियों से काम नहीं करा पाते हैं. सदन में शोर-शराबे की वजह से प्रश्नकाल बाधित हो जाता है. विधायकों के सवाल पर पदाधिकारी गोल-मटोल जवाब देते हैं. हमें गुमराह किया जाता है. सदन में अंतरदलीय व्यवस्था बनाये रखने की बातें भी उन्होंने कही.क्षेत्र की स्थिति देख कर फंड रिलीज हो : ताला मरांडीविधायक ताला मरांडी ने कहा है कि क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए फंड रिलीज किया जाये. उन्होंने कहा है कि हमें अग्रणी राज्यों की अच्छी चीजों से सीख लेने की जरूरत है. संसदीय कार्यप्रणाली को बेहतर करने की आवश्यकता है. झारखंड के सभी जगहों पर अपेक्षित विकास नहीं हुआ है. हमें पूरी इमानदारी से राज्य के विकास के प्रति जवाबदेह बनने की जरूरत है.पदाधिकारी जन प्रतिनिधियों को सहयोग नहीं करते : जेपी वर्माविधायक जेपी वर्मा ने कहा कि राज्य के पदाधिकारी जन प्रतिनिधियों का सहयोग नहीं करते हैं. विधायकों का सम्मान भी नहीं करते हैं. कार्यपालिका अपनी जिम्मेवारी निभाये. एसपी, डीसी, बीडीओ और अन्य जन प्रतिनिधियों की संवेदनाअों को समझें और कार्रवाई करें. विधायक मद की राशि समय पर जारी की जाये और जनता की मांग पर पैसा बढ़ायी जाये.भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए राशि मिले : विरंची नारायणविधायक विरंची नारायण ने कहा कि बोकारो में पांच लाख से अधिक वोटर और 419 बूथ हैं. जबकि लोहरदगा में 272 बूथ हैं. दोनों विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति में काफी अंतर है. पर विधायक कोष की राशि तीन करोड़ ही दी जाती है. भौगोलिक आधार और जनसंख्या के आधार पर विधायक मद की राशि रिलीज की जाये. स्थानीय नीति पर सर्वदलीय बैठक हो : विमला प्रधानविधानसभा सदस्य विमला प्रधान ने कहा है कि स्थानीय नीति पर सभी दलों की बैठक होनी चाहिए. विधायिका का मजबूत रहने से ही राज्य का विकास संभव है. सत्ता पक्ष को विकास के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है. उन्होंने विधायक मद की राशि में बढ़ोतरी किये जाने की वकालत भी की. विधायक फंड के लिए 10 करोड़ मिले : मनीष जायसवालविधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि राज्य में बीआरजीएफ और समेकित कार्य योजना (आइएपी) बंद है. ऐसे में 10 फीट की सड़क बनाने के लिए समहरणालय से लेकर राज्य मुख्यालय तक के चक्कर लगाने पड़ते हैं. उन्होंने विधायक फंड की राशि तीन करोड़ से बढ़ा कर 10 करोड़ करने की मांग की. उन्होंने कहा कि विधानसभा का नया भवन पर्यावरण के अनुकूल बने.सरकार विधानसभा सदस्यों के सवाल का त्वरित निष्पादन करे : एसबीपी मेहताविधायक एसबीपी मेहता ने कहा है कि विधानसभा की गरिमा कैसे बनी रहे, इस पर गहराई से सोंचने की जरूरत है. निवेदन समिति, शून्यकाल में पूछे गये सवालों का जवाब एक-एक वर्ष बाद भी नहीं मिलता है. सरकार सदस्यों के सवालों का तुरंत जवाब दे. विधायकों की ऐच्छिक निधि भी जल्द जारी की जाये. पदाधिकारी छोटे-छोटे मामलों को उलझा कर नहीं रखें.
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सचेतकों के सम्मेलन में विधानसभा सदस्यों की राय
सचेतकों के सम्मेलन में विधानसभा सदस्यों की रायजनता पूछती है, क्या जवाब दूं : राज सिन्हारांची . विधानसभा सदस्य राज सिन्हा ने कहा है कि जनता के सवालों का मेरे पास जवाब नहीं है. आठ महीने से मंत्री का दिया हुआ आश्वासन पूरा नहीं हो रहा है. थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए तीन-तीन […]
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