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महिला हिंसा को अंजाम देनेवालों में पढ़े-लिखे लोग भी : डॉ अजीत

महिला हिंसा को अंजाम देनेवालों में पढ़े-लिखे लोग भी : डॉ अजीत महिला मानवाधिकार के मुद्दे पर परिचर्चाभारतीय दंड संहिता 1860 में महिलाओं से जुड़े कानून पर चर्चा फोटो अमित दाससंवाददाता, रांचीमानवशास्त्र के विभागाध्यक्ष, डॉ अजित कुमार सहाय ने कहा कि महिला हिंसा को अंजाम देने वालों में पढ़े-लिखे लोग भी है़ं महिलाओं के साथ […]

महिला हिंसा को अंजाम देनेवालों में पढ़े-लिखे लोग भी : डॉ अजीत महिला मानवाधिकार के मुद्दे पर परिचर्चाभारतीय दंड संहिता 1860 में महिलाओं से जुड़े कानून पर चर्चा फोटो अमित दाससंवाददाता, रांचीमानवशास्त्र के विभागाध्यक्ष, डॉ अजित कुमार सहाय ने कहा कि महिला हिंसा को अंजाम देने वालों में पढ़े-लिखे लोग भी है़ं महिलाओं के साथ जन्म से ही हिंसा जुड़ जाती है़ यह पता चलने पर कि गर्भ में लड़की है, उसे मार दिया जाता है़ आज महिलाएं हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, पर उनके खिलाफ हिंसा भी बढ़ रही है़ वे एसोसिएशन फाॅर एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव्स (आली) द्वारा रांची विवि के मानवशास्त्र विभाग में महिला मानवाधिकार के मुद्दे पर परिचर्चा में बोल रहे थे़ मुख्य वक्ता, आली की राज्य समन्वयक रेशमा ने भारतीय दंड संहिता 1860 में महिलाओं से जुड़े कानून पर चर्चा की़ उन्होंने कानून बलात्कार, किसी लड़की का उसकी इच्छा के विरुद्ध पीछा करना, एसिड अटैक व दहेज हत्या से जुड़े कानूनों पर विस्तार से चर्चा की़ सजा के प्रावधान भी बताये़ इस कार्यक्रम में प्राध्यापक गया पांडेय, अविनाश चंद्र मिश्र, मो अब्दुलाह भी उपस्थित थे़ हर समुदाय, हर उम्र की महिलाओं के साथ हिंसाकार्यक्रम की शुरुआत महिला हिंसा से जुड़ी एक फिल्म के प्रदर्शन के साथ किया गया़ इसमें दिखाया गया कि हिंसा किसी खास वर्ग की महिला के साथ या किसी खास वर्ग के पुरुष द्वारा ही नहीं किया जाता़ महिलाओं के खिलाफ हर उम्र व हर समुदाय में हिंसा होती है़न दहेज लेंगे, न देंगे इस मौके पर विद्यार्थियों ने कई सवाल भी पूछे, जिनका जवाब सदस्यों ने दिया़ विद्यार्थियों ने महिला हिंसा के खिलाफ कार्य में सहयोग का आश्वासन दिया, साथ ही दहेज न लेने, न देने का संकल्प भी लिया़ कार्यक्रम में 70 विद्यार्थी शामिल थे़ आयोजन में कनकलता, बबली व गीता ने योगदान दिया़

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