रांचीः बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए शहर से पहले भी कई बस स्टैंड हटाये गये हैं. रातू रोड में जब बस स्टैंड था, तो हर रोज लोगों को नारकीय स्थिति का सामना करना पड़ता था. अंतत: जिला प्रशासन ने वहां से बस स्टैंड हटाने का निर्णय लिया. इसके बाद यह स्टैंड आइटीआइ, हेहल के पास ले जाया गया. उसी तरह नागा बाबा खटाल के पास भी रोज जाम लगता था.
यहां खड़ी होनेवाली बसों को भी हटाया गया. इसके बाद उक्त दोनों स्थानों पर ट्रैफिक अमूमन सामान्य रहता है. इसी तर्ज पर आमलोग कांटा टोली बस स्टैंड को भी अन्यत्र ले जाने की मांग कर रहे हैं. भारी वाहनों खास कर बसों के संचालन से इस चौक पर ट्रैफिक की स्थिति बदतर होती है. रही-सही कसर ट्रैफिक पुलिसवालों की सुस्ती पूरी कर देती है. कमाई के चक्कर में ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं किया जाता.
गौरतलब है कि सरकार ने कांटाटोली खादगढ़ा बस स्टैंड को स्थायी करने का निर्णय लिया है. जबकि इससे पहले इस बस स्टैंड को हाइटेंशन फैक्टरी, सामलौंग व नामकुम भी ले जाने पर विचार किया गया था. हाइटेंशन फैक्टरी की जमीन पर यदि स्टैंड बने, तो लोगों को कोई परेशानी भी नहीं होगी. वहीं कांटाटोली के रोज के जाम से मुक्ति भी मिल जायेगी.
क्या कहते हैं लोग
खादगढ़ा बस स्टैंड को शहर से बाहर हर हाल में किया जाना चाहिए. इस बस पड़ाव के कारण कांटाटोली चौक में आये दिन जाम लगता रहता है. सरकार इस मामले में ठोस निर्णय ले.
संजय महतो
बस पड़ाव का बहुत बुरा असर शहर पर पड़ा है. प्रतिदिन इस चौक पर वाहन से पार करने में 15-20 मिनट समय लग जाता है. इससे कार्यालय पहुंचने में भी देर होती है. सरकार इसे अन्यत्र बनाये.
कार्तिक कुमार
शहर की आबादी लगातार बढ़ ही रही है. ऐसे में यहां जाम लगना आम बात है. आज से 10 साल बाद की स्थिति क्या होगी, यह सोचनेवाली बात है. सरकार इसे नामकुम में कहीं बनाये.
गणोश कुमार
पिछले 13 वर्षो में राजधानी रांची की आबादी जितनी तेजी से बढ़ी है, सड़कों की स्थिति में सुधार नहीं किया गया है. परेशानी की यही वजह है.
अश्विनी कुमार सिंह