रांचीः 23 नवंबर को देशभर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है. इसमें झारखंड स्थित बैंक भी बकाया मामले का निबटारा करेंगे. राज्य में 2,93,057 खातों में 3243.45 करोड़ रुपये एनपीए (नन परफोर्मिग एसेट) है. यह कुल लोन 53,595.59 करोड़ रुपये का छह प्रतिशत है.
बैंकिंग सिस्टम के लिए इतना ज्यादा एनपीए खतरनाक माना जाता है. इसे कुल लोन का दो प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. पिछले एक साल में ही बैंकों के 737.86 करोड़ रुपये एनपीए हो गये हैं. ऐसे में बकाया राशि की वसूली के लिए यह बेहतर अवसर माना जा रहा है. बकायेदारों को लुभाने के लिए बैंकों ने ऑफर भी दिये हैं.
भारतीय स्टेट बैंक
बैंक ने भारी भरकम बकाये की वसूली के लिए मूलधन में 50 प्रतिशत तक छूट देने का एलान किया है. इसमें एक लाख रुपये तक के बकायेदारों को ब्याज माफी के साथ ही मूलधन में 20-50 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है. इसके अलावा ज्यादा राशि बकायेदारों को भी छूट दी जा रही है. बैंक के 60 हजार मामले लोक अदालत में शामिल हो सकते हैं.
पंजाब नेशनल बैंक
झारखंड के सभी जिलों के 23222 एनपीए ऋणियों को लोक अदालत में शामिल होकर बकाया ऋण की राशि चुकाने के लिए नोटिस जारी किया गया है. इन ऋणियों के पास बैंक का 164.82 करोड़ रुपया बकाया है. बैंक की ओर से छूट भी प्रदान की जायेगी. कृषि लोन में यह छूट 60 प्रतिशत तक की हो सकती है. राष्ट्रीय लोक अदालत में बीस लाख रुपये से कम के लोन के मामले को सुलझाया जा सकेगा. ये ऋण किसानों, छोटे व्यावसायियों, पर्सनल लोन आदि के रूप में दिये गये थे.
केनरा बैंक
राज्य में स्थित 95 शाखाओं में से 40 शाखाओं के एनपीए खातेधारक इसमें शामिल होंगे. बकायेदारों को लोक अदालत में शामिल होने पर ब्याज राशि में 50 प्रतिशत तक की छूट देने की पेशकश की गयी है. बैंक ने एक से डेढ़ करोड़ रुपये की राशि वसूलने का लक्ष्य रखा है.