रांची: डीजीपी डीके पांडेय के आदेश के बावजूद रातू पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है. रातू थाने में दहेज प्रताड़ना के मामले में डीजीपी ने कार्रवाई का निर्देश दिया था. इसके बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने पीड़ित पक्ष से 3500 रुपये वसूल लिये, लेकिन कार्रवाई नहीं की. वसूली आरोपी […]
रांची: डीजीपी डीके पांडेय के आदेश के बावजूद रातू पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है. रातू थाने में दहेज प्रताड़ना के मामले में डीजीपी ने कार्रवाई का निर्देश दिया था. इसके बावजूद आरोपियों पर कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने पीड़ित पक्ष से 3500 रुपये वसूल लिये, लेकिन कार्रवाई नहीं की. वसूली आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए किराये पर गाड़ी लेने और नोटिस भेजने के नाम पर की गयी. इसकी जानकारी जब पीड़िता के पिता चुन्नी साहू ने डीआइजी अरुण सिंह को दी, तब पीड़ित पक्ष को रातू थाना बुलाया गया. वहां पुलिस ने कहा: रुपये देने की जानकारी डीआइजी को देते हो. रुपये लो और वापस जाओ.
ज्ञात हो कि रातू की नीलम रानी ने दहेज प्रताड़ना को लेकर 13 अक्तूबर को रातू थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में प्रताड़ित करने का आरोप पति अरविंद कुमार, जेठ प्रणव कुमार, जेठानी ज्योति देवी, सास उर्मिला पर लगाया था. केस में सुपरिवजन रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी डीएसपी मुख्यालय द्वितीय संदीप कुमार गुप्ता को मिली थी. उन्होंने सुरविजन रिपोर्ट में लिखा कि महिला के पति अरविंद कुमार पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप सही है.
उसे अविलंब गिरफ्तार करें. प्राथमिकी में शामिल अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ डीएसपी को जांच में ठोस साक्ष्य नहीं मिले थे, इस वजह से उनकी संलिप्तता पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था. डीएसपी की जांच के बाद भी पुलिस ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तब पीड़िता के परिजन डीजीपी से मिले. डीजीपी ने मामले में एसएसपी को कार्रवाई का निर्देश दिया. एसएसपी ने भी कार्रवाई का निर्देश दिया. जब पीड़ित पक्ष के लोग डीआइजी से मिले, तब उन्होंने कार्रवाई का निर्देश पुलिस को दिया. इसके बावजूद पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. इसी बीच प्राथमिकी में शामिल उर्मिला देवी व ज्योति कश्यप को 10 नवंबर को न्यायालय से जमानत मिल गयी. वहीं न्यायालय ने 24 नवंबर को 11 दिसंबर पर अरविंद कुमार पर पीड़क कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया.
कार्रवाई के नाम पर वसूली नहीं की: दारोगा
रातू थाने के दारोगा योगेंद्र कुमार ने कहा कि मैंने कार्रवाई के नाम पर रुपये की वसूली नहीं की है. पीड़ित पक्ष ने खुद गाड़ी और तेल का इंतजाम किया था. नोटिस के तामिला के तीन बार चौकीदार को भेजा गया था. उसमें रुपये खर्च हुए थे. नोटिस का तामिला के लिए चौकीदार का खर्च हुआ था, इसलिए उसने रुपये लिया था. सब कुछ पीड़ित पक्ष की सहमति से हुआ.