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बिरसा मुंडा एयरपोर्ट 34 करोड़ के घाटे में

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट 34 करोड़ के घाटे में सालाना राजस्व 12 करोड़ और खर्च 46 करोड़, सरकारी मदद से घाटा किया जा रहा पूराफोटो : एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग का अमित दास देंगे राजेश झा, रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट 34 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है. स्थापना काल के समय से ही एयरपोर्ट प्रबंधन […]

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट 34 करोड़ के घाटे में सालाना राजस्व 12 करोड़ और खर्च 46 करोड़, सरकारी मदद से घाटा किया जा रहा पूराफोटो : एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग का अमित दास देंगे राजेश झा, रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट 34 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है. स्थापना काल के समय से ही एयरपोर्ट प्रबंधन नुकसान में है. खर्च और आमदमी के बीच की राशि का अंतर हर साल बढ़ता जा रहा है. इस घाटे की मुख्य वजह विमानों का एयरपोर्ट से ऑपरेशन कम होना है. जब तक इसमें सुधार नहीं लाया जायेगा, तब तक इसके नुकसान की भरपायी कर पाना काफी मुश्किल है. एयरपोर्ट ऑथोरिटी का मानना है कि एयरपोर्ट इसी तरह घाटे में चलता रहा, तो आनेवाला समय काफी मुश्किल भरा होगा. अभी एयरपोर्ट के खर्च को सरकारी मदद से पूरी किया जा रहा है. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को सालाना लगभग 12 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होती है. जबकि खर्च करीब 46 करोड़ है. इस 34 करोड़ के खर्च को सरकारी मदद से पूरा किया जा रहा है. इधर, पुराने टर्मिनल का अभी कोई उपयोग नहीं हो रहा है. पिछले दिनों दिल्ली से आये अधिकारियों ने सलाह दी है कि पुराने टर्मिनल को यदि कार्गो के रूप में उपयोग किया जाता है तो 20 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. कार्गो ऑफिस निर्माण के लिए काम शुरू हो गया है. अप्रैल तक कार्य खत्म होने की संभावना है. रेस्टोरेंट और शॉप भी हो गये बंद बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर शॉप और रेस्टोरेंट की संख्या एक-एक कर बंद हो गयी. इसका मुख्य कारण यात्रियों के मूवमेंट कम होने व फ्लाइटों की संख्या में कमी आना है. यहां से गिने-चुने ही एयरलाइंस के विमान उड़ान भर रहे हैं. इसका सीधा असर रेस्टोरेंट पर पड़ रहा है. इस वजह से रेवेन्यू से ज्यादा उन्हें नुकसान वहन करना पड़ रहा है. टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर कई दुकान और काउंटर स्थापना काल से ही बंद हैं. वहीं कार पार्किंग में भी कैंटीन पिछले कई माह से बंद है. अभी फिलहाल एयर इंडिया, गो एयरवेज, इंडिगो कंपनी का विमान रांची से मूवमेंट कर रहा है. ऐसे आयेगा लाभ में – घरेलू एयर लाइंस ऑपरेशन ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना होगा.- नॉन ट्रैफिक रेवेन्यू (शॉप, रेस्टोरेंट व खाली जगहों को उपयोग में लाना)- ठेके देकर गैर विमानन राजस्व को बढ़ाया जा सकता है.- रिच पार्किंग (मल्टी स्टोरेज पार्किंग) और रिच कैफेटेरिया – डिजिटल होर्डिंग्स और बैनर पोस्टर द्वारा- साइबर कैफे, बूथ खोला जाये.- कार्गो की सुविधा बढ़ाने के लिए लोडिंग और स्टोर की केपिसिटी बढ़ानी होगी- शॉपिंग मॉल रांची से अभी है महज आठ फ्लाइट बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से जहां दो माह पूर्व 12 फ्लाइट थी. वह अब घट कर आठ हो गयी है. जेट एयरवेज की तीन फ्लाइट दो माह पूर्व बंद हो चुकी है. वहीं एयर इंडिया अभी मुंबई की बजाय दिल्ली तक ही उड़ान भरती है. रांची से तीन विमानन कंपनियां अभी सेवा दे रही है. इसमें गो एयरवेज का जी 8145- दिल्ली-रांची, जी 8385 मुंबई-पटना-रांची-मुंबई, जी 8-147 दिल्ली-रांची-दिल्ली व इंडिगो की चार फ्लाइट है. इसमें 6 ई 494 दिल्ली-पटना-रांची, 6 ई 344 बेंगलुरु-कोलकाता-रांची, 6 ई 467 मुंबई-पटना-रांची-मुंबई व 6 ई 493 दिल्ली-रांची-पटना-दिल्ली है. एयर इंडिया का एआई 417 दिल्ली-रांची-दिल्ली फ्लाइट है. क्या कहते हैं एयरपोर्ट निदेशक एयरपोर्ट निदेशक अनिल ने कहा कि एयरपोर्ट को लाभ में लाने के लिए कई प्रयास शुरू किये गये हैं. कार्गो ऑफिस अप्रैल से काम करने लगेगा. इसके अलावा टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर होर्डिंग लगाने और स्टॉलों के आवंटन के लिए निविदा निकाली गयी है.

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