नयी दिल्ली: झारखंड के स्थापना दिवस पर आजसू पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर से राज्य को विशेष दरजा प्रदान करने की मांग की. आजसू पार्टी की ओर से आयोजित एक दिन के महाधरना के दौरान पार्टी के नेताओं ने एक सुर में कहा : विशेष राज्य का दरजा प्राप्त करना हमारा अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे.
पार्टी अध्यक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने क्रांतिकारी जोहार के साथ कहा : झारखंड के युवा विशेष दरजे की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर हल्ला बोलने आये हैं. उन्होंने अतीत को याद करते हुए कहा : इसी जंतर-मंतर पर राज्य निर्माण की मांग को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी है. अलग राज्य की मांग को लेकर हमारा उद्देश्य लोगों के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन लाना था. आर्थिक तरक्की लानी थी. लेकिन, यह सपना पूरी तरह हकीकत में तब्दील नहीं हो पाया.
गलत आकलन बंद हो
सुदेश महतो ने केंद्र सरकार की ओर से झारखंड को विशेष राज्य का दरजा देने से इनकार करने की बात करते हुए कहा कि जब हमारी मांगों को खारिज किया गया, तो आजसू ने फिर पुराने रास्ते को अख्तियार किया है. उन्होंने कहा : केंद्र सरकार का इनकार, हमारा प्रतिकार. राज्य का गलत आकलन बंद किया जाये, सही मूल्यांकन होना चाहिए. पार्टी की ओर से विशेष राज्य के दरजे की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया. उन्होंने समापन भाषण में कहा : झारखंड के विकास के जरिये ही देश आर्थिक तरक्की की राह पर अग्रसर हो सकता है. राज्य की कमियों पर गौर कराने के लिए इस दरबार में आये हैं.
किसने क्या कहा
विशेष राज्य का दर्जा हमारा अधिकार है. अगर यह अधिकार नहीं मिला, तो राज्य से बाहर जानेवाले खनिजों को रोक दिया जायेगा. – देव दयाल कुशवाहा
दिल्ली में सब सुविधा है. यहां की चमक-दमक में झारखंड की हिस्सेदारी है. हम विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए जोरदार संघर्ष करेंगे. – नवीन जायसवाल, विधायक
जैसे अलग राज्य हासिल किया, वैसे ही विशेष राज्य का दरजा भी हासिल करके रहेंगे. – रामचंद्र साईस, विधायक
इन्होंने भी किया सभा को संबोधित
लोकनाथ महतो, विधायक कमल किशोर भगत, उमाकांत रजक व चंद्र प्रकाश चौधरी
सुदेश महतो ने कहा
राज्य निर्माण के लिए जंतर-मंतर पर लंबी लड़ाई लड़ी
केंद्र का इनकार, हमारा प्रतिकार
माल्यार्पण की नहीं मिली इजाजत
संसद में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए आजसू ने केंद्र व स्पीकर से इजाजत मांगी थी, पर नहीं मिली. सुदेश महतो ने सवाल करते हुए कहा : भगवान बिरसा का सम्मान करने से झारखंड के लोगों को वंचित क्यों किया गया, इसका जवाब संबंधित देना होगा.