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अंग्रेजों ने अपने हित में लिखा झारखंड का इतिहास : डॉ दुबे (तसवीर ट्रैक पर है)

अंग्रेजों ने अपने हित में लिखा झारखंड का इतिहास : डॉ दुबे (तसवीर ट्रैक पर है) इतिहासकार डॉ बीडी दुबे ने कहा कि पुराणों व अन्य ग्रंथों में झारखंड का उल्लेख मिलता है. इतिहास में इसका वर्णन नहीं है. विदेशी यात्रियों ने जनजातियों का उल्लेख किया लेकिन इतिहास नहीं लिखे़ शेरशाह ने भी सफेद हाथी […]

अंग्रेजों ने अपने हित में लिखा झारखंड का इतिहास : डॉ दुबे (तसवीर ट्रैक पर है) इतिहासकार डॉ बीडी दुबे ने कहा कि पुराणों व अन्य ग्रंथों में झारखंड का उल्लेख मिलता है. इतिहास में इसका वर्णन नहीं है. विदेशी यात्रियों ने जनजातियों का उल्लेख किया लेकिन इतिहास नहीं लिखे़ शेरशाह ने भी सफेद हाथी प्राप्त करने के लिए झारखंड में कई बार आक्रमण किया था. जब अकबर गद्दी पर बैठे तो झारखंड से संबंध जोड़ा. जहांगीर ने भी हीरा प्राप्ति के लिए झारखंड को अपना निशाना बनाया. इसके लिए नागवंशी राजा दुर्जन शाल को पराजित कर उसे ग्वालियर में बंदी बनाया. हीरा की सही पहचान करने के कारण उसे इनाम स्वरूप छोड़ दिया़ बाद में उसे झारखंड भेजा अौर उसके लिए महल बनवाया़ ब्रिटिश काल में झारखंड का इतिहास तो लिखा गया, लेकिन वे अपने हित में लिखे. इससे विद्रोह भी हुआ. सही आकलन नहीं किया. इसलिए झारखंड के इतिहास का रिकंस्ट्रक्शन जरूरी हो गया है. जनजातियों की संस्कृति, भाषा, परंपरा को आधार बनाना होगा. शोधकर्ताओं को यह चुनौती स्वीकार करनी होगी.

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