रांची: हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र निवासी मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) इंतेजार अली को फंसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पुलिस के सीनियर अफसरों ने चुप्पी साध रखी है. पुलिस अफसरों की गलती के कारण इंतेजार अली 54 दिनों तक जेल में बंद रहे. इस मामले में सीआइडी ने अपनी रिपोर्ट एक माह पहले ही पुलिस […]
रांची: हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र निवासी मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) इंतेजार अली को फंसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर पुलिस के सीनियर अफसरों ने चुप्पी साध रखी है. पुलिस अफसरों की गलती के कारण इंतेजार अली 54 दिनों तक जेल में बंद रहे. इस मामले में सीआइडी ने अपनी रिपोर्ट एक माह पहले ही पुलिस मुख्यालय को भेज दी थी. रिपोर्ट में मामले में गलती करनेवाले पुलिस पदाधिकारियों के बारे में कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है.
इंतेजार को पुलिस ने 20 अगस्त को वर्द्धमान-हटिया पैसेंजर ट्रेन से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसी ट्रेन से कथित रूप से विस्फोटक भरा बैग बरामद किया था, लेकिन पुलिस के अफसरों ने जानबूझ कर इंतेजार अली के कंधे से बैग की बरामदगी दिखायी. इस झूठ को सही साबित करने के लिए पुलिस ने शिवचरण लोहरा और राजेश्वर राम को स्वतंत्र गवाह बनाया. बाद में हुई जांच में यह खुलासा हुआ कि दोनों स्वतंत्र गवाह नहीं हैं. शिवचरण लोहरा सिल्ली थाना का चौकीदार और राजेश्वर राम अनगड़ा थाना का चालक है.
मामले की समीक्षा के बाद रेल डीआइजी ने इंतेजार अली को फंसाने के लिए रांची पुलिस के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रांची रेंज के डीआइजी को पत्र लिखा था. उस पर भी रांची पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
दीपू व जफरान भी नहीं पकड़ाया
इंतेजार को फंसाने के मामले में पुलिस के दो मुखबिर दीपू खान व जफरान खान का नाम सामने आया था. उन दोनों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. दोनों को पुलिस नहीं पकड़ पायी. पुलिस को यह भी जानकारी मिली थी कि दोनों मुखबिर खुद विस्फोटक रख कर बरामद करवाने के काम करते थे, ताकि पुलिस से रुपये ले सके. इंतेजार के मामले से पहले भी दीपू खान ने नामकुम में एक बस से विस्फोटक की बरामदगी करवायी थी.