सजा पूरी कर चुका बंदी कैंसर से पीड़ितपरिजनों की मांग, बाकी की जिंदगी घर में बीते- राज्यपाल से लगा चुके हैं गुहार, शादी के लायक है बेटी- सरकार मंतव्य के इंतजार में नहीं ले पा रही है निर्णय अजय दयाल, रांची बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में सजा काट चुका बंदी देबिया मुंडा (40वर्ष) कैंसर से पीड़ित है़ वह नगड़ी थाना क्षेत्र के दलादिली का रहनेवाला है. देबिया मुंडा की पत्नी कलेश्वरी देवी, तीन पुत्री व परिजन राज्यपाल से उसकी रिहाई की गुहार लगा चुके है़ं उनके अनुसार कैंसर होने के बाद उनकी जिंदगी कुछ ही दिनों की है. ऐसी स्थिति में उनकी बाकी की जिंदगी घर में बीते़ देबिया की बड़ी पुत्री शादी के लायक हो गयी है़ कलेश्वरी देवी खेती बाड़ी कर किसी तरह बच्चों को पढ़ा रही है़ं परिजन चाहते हैं कि देबिया मुंडा की बड़ी पुत्री की शादी पिता के सामने हो. बताया जाता है कि नौ माह पहले घरवालों को पता चला कि देबिया मुंडा के मुंह में कैंसर है. कैंसर के कारण गाल का मांस गल गया है़ उसका इलाज अभी रिम्स के कैदी वार्ड में चल रहा है़ कैंसर की जानकारी मिलने के बाद जेल प्रशासन की पहल पर रिम्स में बोर्ड कर उसे एम्स भेजा गया था़ बाद में एम्स से वापस जेल भेज दिया गया़ बाद में स्थिति गंभीर होने पर उसे रिम्स में भरती कराया गया है़ इकलौता है देबियादेबिया मुंडा स्व फागु मुंडा परिवार में इकलौता पुरूष है. रिश्ते में भाई सुरेश मुंडा ने बताया कि उसके दादा भी इकलौता थे, पिता भी इकलौता थे़ अब देबिया भी परिवार में बचा वह भी जिंदगी व मौत से जूझ रहा है़ 2000 से हत्या के जुर्म में बंद है देबियाभाई सुरेश मुंडा ने बताया कि वर्ष 2000 में जमीन विवाद में हुए दलादिली कांड में देबिया ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. उसी समय से वह जेल में बंद है़ उसने लगभग 15 साल की सजा पूरी कर ली है़ कैंसर से पीड़ित होने के बाद परिजन राज्यपाल से उसकी रिहाई की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आवेदन पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है़ 315 बंदियों को है रिहाई का इंतजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेंट्रल जेल में करीब 315 बंदी आजीवन कारावास की सजा पूरी कर रिहाई के इंतजार में है़ं इसके लिए सरकार के स्तर पर बैठक हो चुकी है, लेकिन मंतव्य के नाम पर रिहाई की बात हमेशा टलती रही है. सरकार भी निर्णय नहीं ले पा रही है़ बताया जाता है कि 315 बंदियाें करीब 200 बंदी ऐसे हैं, जिनकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है और उन्हें कुछ न कुछ गंभीर बीमारी है़ सभी बंदी बाकी की जिंदगी घर में बिताना चाहते है़, जबकि छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी साल 15 अगस्त आजीवन सजा काट चुके 199 बंदियों को रिहा कर दिया है़ कोट ::::: ‘आजीवन कारावास की सजा पूरी कर चुके बंदियों की रिहाई का प्रस्ताव जेल प्रशासन की ओर से सरकार को भेजा गया है़ अब जो भी निर्णय होगा वह सरकार के स्तर से और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद होगा़ चंद्रशेखर प्रसाद सुमन, जेलर , बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची
सजा पूरी कर चुका बंदी कैंसर से पीड़ित
सजा पूरी कर चुका बंदी कैंसर से पीड़ितपरिजनों की मांग, बाकी की जिंदगी घर में बीते- राज्यपाल से लगा चुके हैं गुहार, शादी के लायक है बेटी- सरकार मंतव्य के इंतजार में नहीं ले पा रही है निर्णय अजय दयाल, रांची बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में सजा काट चुका बंदी देबिया मुंडा (40वर्ष) कैंसर […]
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