रांची: विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता के कार्यालय कक्ष में विशेषाधिकार हनन से संबंधित चार मामलों पर सुनवाई हुई. इसमें विधायक बंधु तिर्की द्वारा मांडर प्रखंड विकास पदाधिकारी गोपी उरांव के खिलाफ दायर मामलों को भी सुना गया. श्री तिर्की ने श्री उरांव पर उनके साथ अभ्रद व्यवहार करने और दूरभाष पर असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है.
समिति इस मामले में बंधु और श्री उरांव के बीच हुए वार्ता का कॉल डिटेल्स निकालने का निर्देश दिया है. विधायक हरिकृष्ण सिंह की ओर से खेल अधिकारी उमा जायसवाल के खिलफ दर्ज मामले में वादी का पक्ष सुना गया. जिला स्तर खेल प्रतियोगिता में विधायक को उचित सम्मान नहीं दिये जाने पर समिति ने चिंता व्यक्त की. सुनवाई के दौरान श्री जायसाव के अनुपस्थित रहने पर समिति ने इसे दोहरा विशेषाधिकार हनन माना. वहीं विधायक मेनका सरदार की ओर से पोटका बीडीओ और सीडीपीओ के खिलाफ दर्ज मामले पर भी सुनवाई हुई. मेनका सरदार ने सीडीपीओ पर बेकार विधायक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
इस संबंध में अखबारों में छपी खबर को आधार बताया गया है. सुनवाई के दौरान पोटका विधायक ने कहा कि उन्होंने इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है. इस पर समिति ने अखबार के प्रतिनिधि और बीडीओ को अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया. विधायक कुंती देवी की ओर से दर्ज मामले की सुनवाई के लिए समिति ने 15 दिनों का समय दिया है. इस मामले में स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी साक्ष्य के लिए उपस्थित थे. बैठक में विशेषाधिकार समिति के अतिरिक्त सदस्य सरफराज अहमद, सदस्य समरेश सिंह और विशेष आमंत्रित सदस्य विनोद सिंह उपस्थित थे.