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सरकार पर 6050 करोड़ के कर्ज का बोझ पड़ेगा

रांची: कैबिनेट ने भारत सरकार द्वारा शुरु की गयी उदय योजना में झारखंड ऊर्जा विकास निगम को शामिल होने की स्वीकृति दे दी है. इस योजना में शामिल होने पर बिजली मद का डिले पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) का 60 प्रतिशत माफ कर दिया जायेगा. झारखंड पर डिले पेमेंट सरचार्ज का बकाया 2200 करोड़ रुपये है. […]

रांची: कैबिनेट ने भारत सरकार द्वारा शुरु की गयी उदय योजना में झारखंड ऊर्जा विकास निगम को शामिल होने की स्वीकृति दे दी है. इस योजना में शामिल होने पर बिजली मद का डिले पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) का 60 प्रतिशत माफ कर दिया जायेगा. झारखंड पर डिले पेमेंट सरचार्ज का बकाया 2200 करोड़ रुपये है.

योजना में शामिल होने पर 60 प्रतिशत डीपीएस माफ करने की वजह से सरकार को 1380 करोड़ रुपये की बचत होगी. वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार पर एकमुश्त 6050 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज का बोझ पड़ेगा. इस राशि से डीवीसी व कोल इंडिया के बकाये का भुगतान किया जायेगा. कर्ज की रकम पर नौ प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा. इससे करीब 544.50 करोड़ रुपये सालाना बतौर ब्याज चुकाने की जिम्मेदारी सरकार पर बढ़ जायेगी. बकाया भुगतान के लिए ली जाने वाली इस कर्ज की गणना एफआरबीएम (फायनेंशियल रिस्ट्रक्चरिंग एंड बजट मैनेजमेंट) लिमिट के तहत नहीं की जायेगी. इस तरह इस कर्ज की राज्य योजना पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
3600 करोड़ का रिसोर्स गैप दे चुकी है सरकार : झारखंड ऊर्जा विकास निगम को राज्य सरकार 2014-15 में दो हजार करोड़ व 2015-16 में 1600 करोड़ कुल 3600 करोड़ रुपये रिसोर्स गैप के मद में दे चुकी है. वन टाइम सेटलमेंट से निगम का वित्तीय बोझ कम होगा तथा सरकार द्वारा रिसोर्स गैप देने की आवश्यकता भी समाप्त होगी.
ऊर्जा विकास निगम को कैबिनेट ने दी चेतावनी
कैबिनेट ने निगम को चेतावनी भी दी है कि अॉपरेशनल इफिशियेंसी पर निगम दृढ़तापूर्वक कार्रवाई करेगा. प्रत्येक माह उसकी समीक्षा कर वित्त विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जायेगा. इसके बावजूद यदि भविष्य में निगम को घाटा होता है तो वैसी स्थिति में उसकी पूरी जिम्मेवारी विद्युत निगम की होगी तथा निगम अपनी क्रेडिट रेटिंग करा स्वयं बांड निर्गत कर बाजार से उधार लेगा.

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