रांची : कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि वनभूमि पट्टा देने के मामलों में पूर्ववर्ती सरकारों ने जितना काम किया, उससे अधिक काम इस सरकार ने किया है़ इस सरकार ने 29,000 से अधिक पट्टे दिये है़ं वन विभाग यदि वनाश्रितों के अधिकारों का हनन करता है, तो उन्हें सूचना दे़ं वे वन विभाग के सचिव से इस विषय पर बात करेंगी, ताकि मुकदमों के बजाये संवाद से मामले सुलझाये जाये़ं.
वे बिरसा झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन की राज्य स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं. यह आयोजन ‘वनाश्रित महिलाओं की आजीविका’ विषय पर मंगलवार को एसडीसी सभागार में हुआ.
कानून है, अनुपालन कराये सरकार: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष महुआ माजी ने कहा कि वनाधिकार कानून बना हुआ है़ सरकार इसका सख्ती से अनुपालन कराये़ उन्होंने कहा कि राज्य शायद इसलिए पिछड़ा है, क्योंकि यहां महिलाओं को सशक्त करने के प्रयास नहीं हुए़ वनभूमि में रहने वाले व आसपास के लोगों को वनों से आजीविका का अधिकार है़ यदि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो मानव तस्करी, डायन हत्या और घरेलू हिंसा जैसी बातों पर नियंत्रण संभव होगा़ कार्यक्रम में झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के संस्थापक प्रो संजय बसु मल्लिक, आंदोलन के संयोजक जेवियर कुजूर और नौ जिलों के 19 प्रखंडों की सैकड़ों महिलाएं उपस्थित थीं.