पिछले तीन साल में पुलिस ने नक्सलियों के पास से या ठिकानों से 819 से अधिक हथियार बरामद किये हैं. इसमें पुलिस से लूटे गये 60 हथियार, 38 रेगुलर हथियार और 721 देसी हथियार शामिल हैं. यही कारण है कि नक्सली पुलिस से आमने-सामने की लड़ाई नहीं कर पा रहे हैं. हाल के वर्षों में मुठभेड़ की संख्या में भी भारी कमी आयी है. इस आशंका के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने नक्सल प्रभावित जिलों की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया है.
पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता एडीजी एसएन प्रधान के मुताबिक नक्सलियों के पास जो बेहतर हथियार है, वह पुलिस से लूटे गये हथियार ही हैं. पिछले तीन सालों में पुलिस ने बड़ी संख्या में नक्सलियों से हथियार बरामद किये हैं. इसी साल 30 ऐसे हथियार बरामद किये गये हैं, जो पुलिस से लूटे गये थे. इसके अलावा रेगुलर और देसी हथियार भी बरामद हुए हैं.
हथियार के साथ-साथ नक्सली गोलियों की कमी से भी जूझ रहे हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए नक्सली ऐसी घटना को अंजाम दे सकते हैं, जिसमें उन्हें ज्यादा से ज्यादा हथियार व कारतूस मिले. उल्लेखनीय है कि झारखंड में पहले भी एक घटना हो चुकी है. वर्ष 2006 में नक्सलियों ने गिरिडीह के होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर पर हमला कर हथियारों की लूट की थी. वहीं ओड़िशा पुलिस लाइन पर हमला कर हथियारों की लूट की घटना को अंजाम दिया था. एडीजी एसएन प्रधान के मुताबिक पुलिस अलर्ट है.