उन्होंने कहा कि पंद्रह नवंबर को मोरहाबादी में जिन पांच आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया, पूर्व में पंद्रह अगस्त के दिन भी उन्हीं पांचों को सम्मानित किया गया था. इन आंदोलनकारियों में उदय सिंह, गुलाम मोहम्मद, पुष्पा देवी, दयाल कुजूर अौर बिरसा तिग्गा शामिल हैं.
दुमका में जिन पांच आंदोलनकारियों को सम्मानित करना था वे जिला मुख्यालय में बैठे रह गये. उन्हें सम्मानित नहीं किया गया. चतरा, गढ़वा अौर सिहंभूम में कुछ आंदोलनकारियों को सम्मानित कर रस्म अदायगी जरूर पूरी की गयी. मुमताज खान ने कहा कि झारखंड/वनांचल आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग को पहले चरण में लगभग 40 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे. इनमें जांच कर 2557 आंदोलनकारियों की संपुष्ट सूची सरकार को भेजी गयी थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि पंद्रह नवंबर तक 2557 आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जायेगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के विपरीत अभी तक लगभग चार सौ आंदोलनकारियों को ही सम्मानित किया गया है. मुमताज खान ने कहा कि इससे झारखंड आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है.