रांची: आदिवासी जन परिषद ने मांग की है कि आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी करनेवाली आदिवासी महिला यदि किसी गैर आदिवासी से विवाह करती है, तो उसके लिए आरक्षण का लाभ समाप्त किया जाये. यह मांग सोमवार को करमटोली स्थित कार्यालय में प्रेम शाही मुंडा की अध्यक्षता में हुई बैठक में सामने आयी.
बैठक में निर्णय लिया गया कि स्थानीयता नीति की मांग को लेकर आंदोलन तेज करेंगे. सरकार तब तक कोई नियुक्ति न करे, जब तक यह नीति लागू नहीं हो जाये. राजनीतिक पार्टियां अपने घोषणा पत्र में इसकी चर्चा करें. एसएआर कोर्ट के माध्यम से आदिवासी जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगे. सरकार आदिवासी समाज के पुरोहित, पाहन कोटवार आदि के लिए मासिक मानदेय निर्धारित करे. बैठक में अभय भुटकुंवर, गोपाल बेदिया, मनोज तिर्की, श्रवण लोहार, जयंती मुंडा, गौरी बेदिया, श्रीनाथ मुंडा, पारस लोहरा, बिरसा मुंडा, जया कच्छप, लक्ष्मी कांत मुंडा, फूलचंद पाहन व अन्य उपस्थित थे. मनोज वर्मा को जनपरिषद का मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया है.
28 दिसंबर को रांची में पाहन सम्मेलन : बैठक के दौरान कई निर्णय लिये गये. इसके तहत भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर को उलिहातू में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जायेगा. 20 नवंबर को रांची में सेमिनार होगा व स्मारिका का लोकार्पण भीकिया जायेगा.
28 को रांची में पाहन सम्मेलन होगा, जिसमें डोकलो सोहर, माझी, परगनैत, मानकी, मुंडा और पड़हा व्यवस्था के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. सात फरवरी को रांची में प्रथम खुला अधिवेशन होगा.