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झारखंड के लोगों को नहीं मिल रहा प्रज्ञा केंद्रों का लाभ

रांची: नेशनल इ-गवर्नेंस प्रोग्राम के तहत राज्य भर में 4562 प्रज्ञा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर या सीएससी) का गठन किया जाना है. यानी हर पंचायत में एक प्रज्ञा केंद्र बनना है. वर्ष 2004 से चल रही इस योजना के तहत अब तक करीब 4500 प्रज्ञा केंद्रों का गठन कर लिया गया है. शेष केंद्र अभी […]

रांची: नेशनल इ-गवर्नेंस प्रोग्राम के तहत राज्य भर में 4562 प्रज्ञा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर या सीएससी) का गठन किया जाना है. यानी हर पंचायत में एक प्रज्ञा केंद्र बनना है. वर्ष 2004 से चल रही इस योजना के तहत अब तक करीब 4500 प्रज्ञा केंद्रों का गठन कर लिया गया है. शेष केंद्र अभी बनने हैं.

सूचना तकनीक की सहायता से इन केंद्रों के जरिये प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आम लोगों को जन्म, मृत्यु, अाय व आवासीय प्रमाण पत्र सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी करीब 216 सेवाएं दी जानी है. पर अभी सूबे की राजधानी के कुल 303 प्रज्ञा केंद्रों में कुल 216 सेवाअों के बदले लोगों को 16 सेवाएं भी नहीं मिल रही हैं. जबकि रांची इ-डिस्ट्रिक्ट के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल है. सेवाएं देने की विभागों की तैयारी न होने तथा कनेक्टिविटी की समस्या से ऐसा हो रहा है.

दरअसल करीब 2900 केंद्रों में पुअर (खराब) या जीरो कनेक्टिविटी की समस्या है. इससे आम लोगों को सूचना तकनीक (आइटी) के जरिये विभिन्न सेवाएं देने का काम प्रभावित हो रहा है. राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि प्रज्ञा केंद्रों को विभिन्न पंचायतों के पंचायत भवन /सचिवालय में ही संचालित करना है.

इधर, बन चुके 4500 केंद्रों में से अभी सिर्फ 832 ही पंचायत भवनों में शिफ्ट हुए हैं. राज्य भर में 2151 पंचायत भवन अब तक न बन पाना भी इसकी वजह है. सेवाएं देने के मामले में ई-गवर्नेंस की यह योजना करीब पांच वर्ष पीछे चल रही है. वर्ष 2006 में ही पहले चरण की सेवाएं मिलनी शुरू हो जानी चाहिए थी. वहीं चौथे व अंतिम चरण को 2010 में लागू कर दिया जाना था. दरअसल पूर्व आइटी सचिव आरएस शर्मा (अब भारत सरकार से संबद्ध) ने झारखंड को आइसीटी के संरचना निर्माण में शुरुआती बढ़त दिलायी थी. इसके लिए झारखंड को कई पुरस्कार भी मिले, लेकिन प्रज्ञा केेंद्र के काम में लगी एक एजेंसी की बदतर सर्विस व बाद में ई-गवर्नेंस में सरकार की कम रुचि ने मामला बिगाड़ दिया. लेकिन अब फिर से इसपर ध्यान दिया जा रहा है.
1500 केंद्रों की कनेक्टिविटी जीरो
सूचना तकनीक विभाग के ही अनुसार राज्य के 1454 प्रज्ञा केंद्रों में पुअर (खराब) कनेक्टिविटी की समस्या है. वहीं करीब 1500 केंद्र की कनेक्टिविटी लगभग जीरो है. विभाग ने यह समस्या दूर करने के लिए निजी कंपनी का चयन किया है. चयनित फर्म को केंद्रों में कनेक्टिविटी की स्थिति सुधारनी है. खराब कनेक्टिविटी से सबसे अधिक प्रभावित केंद्र धनबाद जिले के हैं, यहां के 342 केंद्रों में यह समस्या है. वहीं जीरो कनेक्टिविटी के मामले सबसे अधिक पश्चिम सिंहभूम जिले में 206 हैं.
करीब दो हजार केंद्रों में कनेक्टिविटी की समस्या है. अब सरकार अपनी अोर से करीब 1200 केंद्रों को कनेक्टिविटी देने जा रही है. समस्या दूर करने के लिए प्राइवेट पार्टी का चयन भी कर लिया गया है. वह कनेक्टिविटी सुधारने का काम करेगी.
केके सिन्हा, प्रधान सचिव सह सीइअो, जैप आइटी

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