विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को स्वीकृत पद के विरुद्ध तृतीय व चतुर्थ वर्ग में रिक्त पदों की जानकारी कर्मचारी चयन आयोग को भेजने का निर्देश दिया है. आयोग उम्मीदवारों से साक्षात्कार लेकर अपनी अनुशंसा संबंधित विवि को भेज देगा. आयोग को यह भी अधिकार दिया गया है कि अनुशंसा भेजने से पूर्व वह विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगायेगा. इसके बाद सुविधानुसार लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद अनुशंसा करे या फिर सीधे साक्षात्कार लेकर अनुशंसा करे. आयोग एक पैनल बना कर संबंधित विवि को अपनी अनुशंसा भेजेगा. इसके बाद विवि अपने स्तर से पैनल के आधार पर स्वीकृत पद के विरुद्ध संबंधित कर्मचारी के दस्तावेज की जांच कर उनकी नियुक्ति करेगा. मालूम हो कि पूर्व में तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार संबंधित विवि के कुलपति को था. कुलपति के पास नियुक्ति को लेकर काफी दबाव रहता था.
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अब विवि कर्मियों की नियुक्ति एसएससी से
रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों में अब कर्मचारियों की नियुक्ति झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के माध्यम से होगी. सरकार व राज्यपाल द्वारा संशोधित नियुक्ति नियमावली की स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. आदेश का अनुपालन करने के लिए सभी विवि को सूचित कर दिया गया है. विभाग ने […]
रांची: राज्य के विश्वविद्यालयों में अब कर्मचारियों की नियुक्ति झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के माध्यम से होगी. सरकार व राज्यपाल द्वारा संशोधित नियुक्ति नियमावली की स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. आदेश का अनुपालन करने के लिए सभी विवि को सूचित कर दिया गया है.
विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को स्वीकृत पद के विरुद्ध तृतीय व चतुर्थ वर्ग में रिक्त पदों की जानकारी कर्मचारी चयन आयोग को भेजने का निर्देश दिया है. आयोग उम्मीदवारों से साक्षात्कार लेकर अपनी अनुशंसा संबंधित विवि को भेज देगा. आयोग को यह भी अधिकार दिया गया है कि अनुशंसा भेजने से पूर्व वह विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगायेगा. इसके बाद सुविधानुसार लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद अनुशंसा करे या फिर सीधे साक्षात्कार लेकर अनुशंसा करे. आयोग एक पैनल बना कर संबंधित विवि को अपनी अनुशंसा भेजेगा. इसके बाद विवि अपने स्तर से पैनल के आधार पर स्वीकृत पद के विरुद्ध संबंधित कर्मचारी के दस्तावेज की जांच कर उनकी नियुक्ति करेगा. मालूम हो कि पूर्व में तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार संबंधित विवि के कुलपति को था. कुलपति के पास नियुक्ति को लेकर काफी दबाव रहता था.
सरकार ने विवि एक्ट में परिवर्तन नहीं किया है, बल्कि नियुक्ति के तरीके में परिवर्तन कर दिया है. विवि में वर्ष 1976 में ही कर्मचारियों के पद स्वीकृत किये गये थे. विवि शिक्षकों की नियुक्ति में भी झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा साक्षात्कार लेने के बाद पैनल संबंधित विवि में भेज दिया जाता है, इसके बाद विवि अपने स्तर से शिक्षकों की नियुक्ति करता है.
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