रांची : लोहरदगा में विधानसभा चुनाव का रास्ता कांटे भरा है. इस विधानसभा से जीत का सफर तय करना आसान नहीं है़ दो सौ-चार सौ वोट से यहां बाजी पलट जाती है़ एक-एक वोट यहां कीमती है़ कोई भी प्रत्याशी किसी के लिए राह अासान नहीं रहने दे रहा है़ पिछले दो चुनाव से कांग्रेस के सुखदेव भगत मामूली अंतर से हारते रहे है़ं पांच सौ वोट ही भाग्य का फैसला कर देता है.
पिछले दो चुनाव से कमल किशोर भगत ने जबरदस्त टक्कर देते हुए कांग्रेस को पछाड़ा. आजसू ने बड़ी मुश्किल से कांग्रेस के गढ़ में जगह बनायी है़ कांग्रेस के लिए जमीन बचाना चुनौती है़ वहीं कांग्रेस की साख पर यह चुनाव बन आयी है़ प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत दावेदार है़ं बंधु तिर्की ने नयी जमीन की तलाश में लोहरदगा पहुंच कर मुकाबला रोचक बना दिया है़ विरोधियों के वोट बैंक में सेंधमारी की योजना है़ इस तरह लोहरदगा उपचुनाव एक बार फिर जबरदस्त संघर्ष में फंस चुका है़
पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत के सहारे आजसू सहानुभूति की लहर पर सवार होने की कोशिश में है़ एनडीए के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है़ ऐसे में इस बार फिर एक-एक वोट की छीना झपटी का खेल होगा.