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नेट के लिए तीन माह करें कड़ी मेहनत

नेट के लिए तीन माह करें कड़ी मेहनत रूपा सिन्हाकैरियर काउंसलर सह संगीत शिक्षिका, केवीएस…………………. देश में 27 दिसंबर 2015 को सीबीएसइ द्वारा नेट परीक्षा आयोजित होगी. यह परीक्षा साल में दो बार यानी जून और और दिसंबर के अंतिम रविवार को होती है. इस परीक्षा की तैयारी के लिए अंतिम तीन महीने कड़ी मेहनत […]

नेट के लिए तीन माह करें कड़ी मेहनत रूपा सिन्हाकैरियर काउंसलर सह संगीत शिक्षिका, केवीएस…………………. देश में 27 दिसंबर 2015 को सीबीएसइ द्वारा नेट परीक्षा आयोजित होगी. यह परीक्षा साल में दो बार यानी जून और और दिसंबर के अंतिम रविवार को होती है. इस परीक्षा की तैयारी के लिए अंतिम तीन महीने कड़ी मेहनत करनी पड़ती है़ परीक्षा में शामिल होने के लिए एमए म्यूजिक व परफोर्मिंग आर्ट्स में 55 फीसदी अंक जरूरी है. दो तरह की क्वालिफाइंग होती है, पहला जेआरएफ जिसकी उम्र सीमा 28 वर्ष तक है और दूसरा लेक्चररशिप जिसकी उम्र सीमा 60 वर्ष तक होती है़ तीनों पेपर में कुल अंक 350 होते हैं. पेपर वन (100 अंक, समय1 व 1/4 घंटा) , पेपर टू (100 अंक, समय 1 व 1/4 घंटा) , पेपर थ्री (150 अंक, समय 2 व 1/2 घंटा). इसमें नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है़ परीक्षा का पैटर्न पेपर वन कॉमन पेपर है़ यह सभी विषयों के विद्यार्थी के लिए होते हैं. परीक्षा में 60 एमसीक्यू, जो दो अंकों के होते हैं. इसमें 50 एमसीक्यू के उत्तर देने होते हैं. तैयारी के लिए टीचिंग एंड रिसर्च एप्टीट्यूट, कम्यूनिकेशन, लॉजिकल रिजनिंग, कंप्रीहेंसन, आइसीटी, पीपुल एंड इनवायरनमेंट , मैथेमेटिकल रीजनिंग, डाटा इंटरप्रेटेशन, हायर एजुकेशन सिस्टम, करंट अफेयर एंड जीके आदि पर ध्यान देने की जरूरत है़ पेपर टू म्यूजिक एंड परफोर्मिंग आटर्स के होते हैं. इसमें 50 प्रश्न होते हैं. पहला 25 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य होता है़ बाकी 25 प्रश्नों के लिए परीक्षार्थी भाग दो, तीन, चार, पांच, में से किसी एक भाग का चयन करते हैं. पेपर तीन के भी दो भाग हैं. इसमें कुल 75 प्रश्न होते हैं. पहला 1-50 बहुविकल्पीय प्रश्न है, जो सभी परीक्षार्थियाओं के लिए अनिवार्य है़ इसके दो-दो अंक हैं, शेष 25 प्रश्न के लिए परीक्षार्थी भाग दो, तीन, चार, पांच में से किसी एक भाग का चयन करते हैं. परीक्षार्थियों की तैयारी जिसमें अच्छी हो, उसी भाग का चयन करना चाहिए़ विषय जिसपर ध्यान देना है हिंदुस्तानी संगीत, कर्नाटक संगीत, पाश्चात्य संगीत, रवींद्र संगीत, अवनध वाद्य वादन में तंत्र, सुषिर, घन, संगीतज्ञों की जीवनियां , वर्तमान मे पुरस्कृत किये गये कलाकार, आकाशवाणी संगीत सम्मेलन, भारतीय लोक कला संस्कृति, अखिल भारतीय संगीत समारोह, संगीत से संबंधित विभिन्न पुस्तकों की पढ़ाई यथा संभव जरूरी है़ पुस्तकों में भरत का नाट्यशास्त्र , मतंगमुनि कृत वृहद्देशी, सारंगदेव कृत संगीतरत्नाकर भातखंडे जी की क्रमिक पुस्तक मलिका आदि उल्लेखनीय है़ भारतीय संगीत का इतिहास एवं इतिहासकारों को जानना, संगीत में सौंदर्य, रस- निष्पत्ति, नवरस, राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर संगीत समारोह, प्राचीन एवं आधुनिक संगीत व संगीतज्ञों का विश्लेषणात्मक अध्ययन करना परीक्षा के लिए उचित होगा़

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