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खर्च हो गये 1.71 करोड़ रुपये, भवन अब भी अधूरा

रांची : राज्य आवास बोर्ड ने अपने ही मुख्यालय भवन के निर्माण में घोटाले को अंजाम दिया है. इससे 1.71 करोड़ रुपये खर्च होनेे के बावजूद बोर्ड का मुख्यालय भवन अधूरा पड़ा हुआ है. 1.59 करोड़ के भवन में 54 लाख रुपये का 88.20 मेट्रिक टन लोहा और स्टील लगाये जाने का दावा किया गया […]

रांची : राज्य आवास बोर्ड ने अपने ही मुख्यालय भवन के निर्माण में घोटाले को अंजाम दिया है. इससे 1.71 करोड़ रुपये खर्च होनेे के बावजूद बोर्ड का मुख्यालय भवन अधूरा पड़ा हुआ है. 1.59 करोड़ के भवन में 54 लाख रुपये का 88.20 मेट्रिक टन लोहा और स्टील लगाये जाने का दावा किया गया है. गड़बड़ी पकड़ में आने के बावजूद दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के मामले पर बोर्ड ने चुप्पी साध ली है.
राज्य गठन के बाद राज्य आवास बोर्ड का नया मुख्यालय भवन बनाने का फैसला किया गया था. मुख्यालय ‌भवन के लिए तैयार डिजाइन और इस्टीमेट में इसकी कुल लागत 1.87 करोड़ रुपये आंकी गयी. 1.87 करोड़ के इस्टीमेट में से 1.59 करोड़ रुपये का प्रावधान सिविल वर्क के लिए था. वर्ष 2013 में बोर्ड के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार की देख रेख में मुख्यालय भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ. निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती गयी. मिट्टी कटाई-भराई, लोहा और स्टील आदि के मद में इस्टीमेट के मुकाबले अधिक खर्च करने का दावा करते हुए ठेकेदार को करीब 35 प्रतिशत अधिक भुगतान करने के बाद निर्माण कार्य बंद हो गया. पिछले दिनों मुख्यालय भवन में इस्टीमेट के मुकाबले मेजरमेंट बुक (एमबी) में दिखाये गये काम की जांच के दौरान भारी गड़बड़ी पकड़ में आयी. जांच में पाया गया कि एमबी में 88.20 मीट्रिक टन लोहा और स्टील लगाने का दावा किया गया है. हालांकि इस्टीमेट में सिर्फ 23.85 मीट्रिक टन लोहा और स्टील लगाने का प्रावधान था.

इस्टीमेट के अनुसार, मुख्यालय भवन के निर्माण मेें 16 एमएम का 13.70 मेट्रिक टन लोहा और स्टील लगाने का प्रावधान था. इसके मुकाबले एमबी में 16 एमएम का 22.37 मेट्रिक टन लोहा और स्टील लगाना का दावा किया गया है. इसके अलावा 20 एमएम का 9.15 मेट्रिक टन लोहा और स्टील के इस्तेमाल का प्रावधान था. हालांकि एमबी में 20 एमएम का 65.83 मेट्रिक टन लोहा और स्टील लगाने का दावा किया गया है. इसी तरह मिट्टी कटाई और ढुलाई मद में इस्टीमेट के मुकाबले 3.02 लाख रुपये और बालू ढुलाई मद में 39.75 हजार रुपये अधिक का भुगतान किया गया है. सीमेंट और चिप्स से जुड़े काम में इस्टीमेट का मुकाबले 10.71 लाख रुपये अधिक काम दिखा कर ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया है.
हज हाउस के निर्माण में भी बोर्ड ने घोटाला किया था
राज्य आवास बोर्ड ने अपना मुख्यालय भवन बनाने के पहले हज हाउस का निर्माण किया था. 4.88 करोड़ रुपये का मूल प्राक्कलनवाले हज हाउस के निर्मा‌ण में इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी कि सरकार ने हज हाउस को रद्दी घोषित करते हुए उसे तोड़ने का फैसला किया. हज हाउस के बाद बोर्ड ने अपना मुख्यालय भवन बनाना का काम शुरू किया. इसमें भी भारी गड़बड़ी की. इसकी वजह के बोर्ड के मुख्यालय भवन का निर्माण कार्य भी अधूरा रहा.

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