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स्थिति अच्छी नहीं, लेकिन सुधार जारी

स्थिति अच्छी नहीं, लेकिन सुधार जारीस्वास्थ्य विभाग राज्य गठन के वक्त तीन मेडिकल कॉलेज थे, आज भी उतने ही हैं वरीय संवाददाता, रांचीराज्य गठन के बाद से स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार जारी है. स्थिति बहुत अच्छी तो नहीं कही जा सकती, पर मौजूदा सरकार व विभागीय सिस्टम ईमानदारी से काम करता दिखता है. इसका […]

स्थिति अच्छी नहीं, लेकिन सुधार जारीस्वास्थ्य विभाग राज्य गठन के वक्त तीन मेडिकल कॉलेज थे, आज भी उतने ही हैं वरीय संवाददाता, रांचीराज्य गठन के बाद से स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार जारी है. स्थिति बहुत अच्छी तो नहीं कही जा सकती, पर मौजूदा सरकार व विभागीय सिस्टम ईमानदारी से काम करता दिखता है. इसका असर भी हुआ है. जन्म व मृत्यु दर जहां पहले की अपेक्षा कम हुई है, वहीं शिशु व मातृ मृत्यु दर में भी कमी अायी है. पर सरकार चिकित्सा शिक्षा के मुद्दे पर फेल रही है. राज्य गठन के वक्त जहां सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेज थे, वहीं 15 वर्ष बाद आज भी इनकी संख्या तीन ही है. सरकार नये कॉलेज खोलना तो दूर, इसकी सीटें बचाने में ही फंसी रही है. अब 108 एंबुलेंस की खरीद होने वाली है. इन्हें ट्रॉमा मामले के अलावा अन्य आपात स्थिति में भी उपयोग में लाया जा सकेगा. पर सबसे बड़ी कमी चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्य कमिर्यों की है. चाह कर भी इनकी संख्या पर्याप्त नहीं हो रही. बहाल होने के बाद भी सेवा में कोताही चिकित्सकों का शगल रहा है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग में निलंबन की सजा सालों भर चलती रहती है. अब नियुक्ति संबंधी विभिन्न नियमावली बना कर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. नये बन रहे स्वास्थ्य उप केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निमार्ण में हो रहा विलंब नयी समस्या है. खास कर जिनका निर्माण विभाग कर रहा है, वैसे केंद्रों का निर्माण बजट बार-बार रिवाइज हो रहा है. कुल मिला कर विभाग में अच्छे व बुरे अनुभव लगभग बराबर हैं. यहां वर्ष 2000 तथा 2015 की तुलनात्मक स्थिति का ब्योरा दिया जा रहा है. वर्ष 2000स्वास्थ्य सुविधाएं : जरूरत व उपलब्धतामानव संसाधन/संरचना जरूरत उपलब्धताचिकित्सक 3686 550विशेषज्ञ चिकित्सक 1316 145स्टाफ नर्स 4707 300पारा मेडिकल स्टाफ 4133 150एएनएम 14176 3100मल्टी परपस वर्कर 7088 —स्वास्थ्य उप केेंद्र 7088 3958प्राथमिक स्वास्थ्य केेंद्र 1126 330सामुदायिक स्वास्थ्य केेंद्र तब लागू नहीं मेडिकल कॉलेज+अस्पताल 3 (रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर , पाटलिपुत्र धनबाद)वर्ष 2015स्वास्थ्य सुविधाएं : जरूरत व उपलब्धतामानव संसाधन/संरचना जरूरत उपलब्धताचिकित्सक 3686 1600विशेषज्ञ चिकित्सक 1316 400स्टाफ नर्स 4707 700पारा मेडिकल स्टाफ 4133 350एएनएम 14176 6437मल्टी परपस वर्कर 7088 722स्वास्थ्य उप केेंद्र 7088 3958प्राथमिक स्वास्थ्य केेंद्र 1126 330सामुदायिक स्वास्थ्य केेंद्र 240 168मेडिकल कॉलेज+अस्पताल 3 (रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर, पाटलीपुत्र धनबाद)तब और अबमद ® 2001 ® 2015जन्म दर ® 26.3 ® 24.4मृत्यु दर ® 8.8 ® 6.6शिशु मृत्यु दर ® 62 ® 37मातृ मृत्यु दर ® 400 ® 219(नोट : जन्म, मृत्यु व शिशु मृत्यु दर प्रति 10 हजार तथा मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख पर) और ये दुर्भाग्य भी- मोबाइल यूनिट में लगी आठ करोड़ की 103 अल्ट्रासाउंड मशीनें बेकार- स्वास्थ्य विभाग पांच साल में 10 ट्रॉमा सेंटर नहीं बना सकाकुछ बेहतर काम भी हुए- ग्रामीण इलाकों के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन- राज्य भर की गर्भवती महिलाओं के लिए ममता वाहन की सुविधा- राज्य में जेनेरिक दवाओं की बिक्री शुरू की गयी

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