मामला कोर्ट में हो, फिर भी विभागीय कार्यवाही चलायेंरांची . सरकारी सेवकों के विरुद्ध मामला न्यायालय में हो, तो भी विभागीय कार्यवाही चलेगी. वहीं विभागीय कार्यवाही के तहत उन्हें दंड भी दिया जा सकेगा. पूर्व में मामला न्यायालय में चलने की स्थिति में विभागीय कार्यवाही का संचालन नहीं होता था. अक्सर ऐसे मामले सामने आ रहे थे. इसके बाद कार्मिक विभाग ने इस मामले को क्लीयर किया. साथ ही सभी विभागों को पत्र जारी कर इससे अवगत कराया है. यह लिखा गया है कि अगर सरकारी सेवक के विरुद्ध अपराधिक वाद चल रहा है, तो विभागीय कार्यवाही का संचालन करें. यानी सरकारी सेवा संहिता के तहत कर्मियों पर आरोप तय किये जायें. यह उदाहरण देकर बताया गया है कि सरकारी सेवक आचरण के खिलाफ काम करने, कर्तव्य में लापरवाही बरतने, निष्ठा से संबंधित आरोप तय किये जायें और इसके तहत ही दंड दिये जायें. कार्मिक ने यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के तहत लिया है.
मामला कोर्ट में हो, फिर भी विभागीय कार्यवाही चलायें
मामला कोर्ट में हो, फिर भी विभागीय कार्यवाही चलायेंरांची . सरकारी सेवकों के विरुद्ध मामला न्यायालय में हो, तो भी विभागीय कार्यवाही चलेगी. वहीं विभागीय कार्यवाही के तहत उन्हें दंड भी दिया जा सकेगा. पूर्व में मामला न्यायालय में चलने की स्थिति में विभागीय कार्यवाही का संचालन नहीं होता था. अक्सर ऐसे मामले सामने आ […]
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