रांची: हिनू में हुए करोड़ों की भूमि घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ निगरानी थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. मामले में जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें तत्कालीन भूमि सुधार समाहर्ता सुबोध कुमार गुप्ता, तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी रामानंद प्रसाद सिंह, अंचलाधिकारी नरेश कुमार, सेवानिवृत्त अंचलाधिकारी राजदेव दूबे, सेवानिवृत्त हल्का कर्मचारी अवधेश कुमार शर्मा सहित अन्य लोग शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि करोड़ों की भूमि घोटाला के संबंध में संबंधित मामला जांच के लिए निगरानी ब्यूरो के पास वर्ष 1998 में आया था, जिसकी जांच निगरानी एडीजी नीरज सिन्हा के निर्देश पर हुई. जांच में अधिकारियों ने पाया कि कि हिनू मौजा के खाता संख्या-328 और खेसरा संख्या 514 स्थित 12 एकड़ जमीन, कैसर- ए- हिंद जमीन है. लेकिन 12 एकड़ जमीन से 1.55 एकड़ जमीन बिल्टू अली और करुवा भुइयां के नाम पर अधिकारियों ने 1990 में जमाबंदी कर दी थी. जमाबंदी करने के लिए हल्का कर्मचारी अवधेश कुमार शर्मा, राजदेव दूबे और नरेश कुमार की अनुशंसा ने तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी रामनंद प्रसाद के पास अनुशंसा की थी.
इसी के आधार पर रामनंद प्रसाद ने जमीन की जमाबंदी दोनों के नाम पर करने का आदेश दिया था. जांच में निगरानी ने यह भी पाया कि कैसर- ए हिंद जमीन का लगान निर्धारण करने से पूर्व भारत सरकार से आदेश लेना जरूरी है, लेकिन तत्कालीन अधिकारियों ने जमाबंदी करने से पूर्व भारत सरकार से आदेश नहीं लिया गया था. अधिकारियों ने अपने पद का गलत उपयोग कर जमीन दूसरे के नाम पर जमाबंदी कर दी थी.
जांच पूरी होने के बाद निगरानी ने तत्कालीन अधिकारियों को इस कार्य के लिए दोषी पाते हुए सरकार के रिपोर्ट भेज दी. साथ ही मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद मामले की समीक्षा पूरी करने के बाद मुख्यमंत्री ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को दिया था.