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धरना: छात्र संगठनों ने कहा, शिक्षक नियुक्ति में झारखंडियों को वंचित कर रही राज्य सरकार

रांची: झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि सरकार व शिक्षा विभाग झारखंड के गरीब, ग्रामीण, प्रशिक्षित युवाओं को शिक्षक नहीं बनाना चाहती़ इसलिए ज्यादातर सामान्य पदों पर दूसरे राज्य के लोगों की बहाली की जा रही है़ बाकी पदों पर भी सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड के अभ्यर्थियों को बिना 10 प्रतिशत […]

रांची: झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि सरकार व शिक्षा विभाग झारखंड के गरीब, ग्रामीण, प्रशिक्षित युवाओं को शिक्षक नहीं बनाना चाहती़ इसलिए ज्यादातर सामान्य पदों पर दूसरे राज्य के लोगों की बहाली की जा रही है़ बाकी पदों पर भी सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड के अभ्यर्थियों को बिना 10 प्रतिशत अंक घटाये बहाल किया जा रहा है़ मुख्यमंत्री ने 15 नवंबर को स्थानीय नीति लागू करने की बात कही है, लेकिन इस पर संशय के बादल नजर आ रहे है़ं.

राजभवन के समक्ष आयोजित धरना में उन्होंने राज्य सरकार पर ये आरोप लगाये. टेट पास अभ्यर्थियों की उपेक्षा व राज्य में स्थानीय नीति लागू हुए बिना होने वाली नियुक्ति परीक्षाओं के मुद्दे पर झारखंड छात्र संघ ने राजभवन के समक्ष धरना दिया और नारेबाजी की़ दो घंटे के धरना- प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम सात सूत्री मांग पत्र सौंपा गया़ इससे पूर्व छात्र शिक्षा विभाग के खिलाफ नारे लगाते हुए रांची विवि परिसर से कचहरी रोड होते हुए मुख्यमंत्री आवास के घेराव के लिए निकले थे, पर राजभवन के समक्ष पुलिस द्वारा रोके जाने पर वे वही धरने पर बैठ गये़ आदिवासी छात्र संघ के अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि यदि सरकार ने मांगें पूरी नहीं की, तो स्थापना दिवस पर काला झंडा दिखाया जायेगा़ मूलवासी छात्र संघ के अमर खत्री, ग्रामीण छात्र संघ के कौशिक महतो, पारा शिक्षक संघ के विक्रांत ज्योति, कुर्मी छात्र मोर्चा के ओमप्रकाश महतो, अमित जायसवाल व अन्य ने भी सभा को संबोधित किया़

उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद लें दूसरी परीक्षा
मांग पत्र में कहा गया है कि 2013 में उत्तीर्ण सभी टेट अभ्यर्थियों की बहाली के बाद ही द्वितीय टेट परीक्षा हो़ उत्क्रमित मध्य विद्यालय में रिक्त 33,000 पदों को कक्षा छह से आठ टेट उत्तीर्ण 39,588 अभ्यर्थियों से भरा जाये़ 4401 उर्दू शिक्षक के बचे 3601 पद स्नातक प्रशिक्षित उर्दू से भरे जाये़ं. सामान्य पदों पर अभ्यर्थी नहीं मिलने पर 90 फीसदी से कम अंक लाने वालों को बहाल किया जाये़ माध्यमिक विद्यालय शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर जिला स्तरीय पदों को राज्य स्तरीय पद बनाया जाये़ स्थानीय नीति अविलंब लागू किया जाए और इसके बाद ही नयी नियुक्ति परीक्षा आयोजित की जाये़ं.

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