सेल के 200 कर्मचारियों के वेतन पर सूदखोरों का कब्जा-2
सारंडा के बीच में बसे किरीबुरू-मेघाहातूबुरू में सेल की खदान है. सूदखोरों ने यहां के मजदूरों को चंगुल में फंसा लिया है. उन्हें 60% सालाना ब्याज की दर पर ऋण देकर उनका एटीएम कार्ड अपने पास रख लिया है. ऐसे लगभग 200 लोग हैं, जो कर्ज में डूब चुके हैं. यह आदिवासी बहुल इलाका है. नक्सल बहुल इस क्षेत्र में बगैर किसी खौफ के सूदखोर अपना धंधा चला रहे हैं और लगभग 10 लाख रुपये हर माह सिर्फ सूद में वसूल रहे हैं.
किरीबुरु से लौट कर सुरजीत सिंह
दीनबंधु बारी सेल में कर्मचारी हैं. वर्ष 2005 में उन्होंने अरुण सुब्रमण्यम से चार लाख रुपया कर्ज लिया था. अब तक सूद में वह 13 लाख रुपये दे चुके हैं. अब अरुण सुब्रमण्यम के पिता कृष्णा सुब्रमण्यम ने चेक बाउंस का नोटिस भेजा है. कहा गया है कि उन्होंने मित्रता में छह लाख का कर्ज दिया था. बदले में आपने (दीनबंधु बारी) छह लाख का पोस्ट डेटेड चेक (संख्या-8850959) दिया. आपने यह जानते हुए कि आपके अकाउंट में इतनी राशि नहीं है. इसके बाद भी धोखा देने की नियत से चेक दिया, जिसे बैंक ने वापस कर दिया है. 15 दिन के भीतर पैसा वापस कर दें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जायेगी. दीनबंधु बारी की पत्नी सारा बारी कहती हैं: कई बार थाने में गयी, लेकिन पुलिस ने मदद नहीं की. थाने से शर्मा जी आये थे. समझा रहे थे कि अब आपको पैसा नहीं देना है और कुछ नहीं करना है, लेकिन किसी को कुछ बताना भी नहीं है. वह सबको घर-घर जाकर धमका रहे हैं. कृष्णा सुब्रमण्यम के द्वारा इसी तरह का नोटिस, अमृत नारायण दास और रवि पात्रो समेत अन्य कई लोगों को भेजा गया है.
अमृत नारायण दास के मुताबिक, उन्होंने करीब 10 साल पहले कृष्णा सुब्रमण्यम से 25 हजार रुपया उधार लिया था. उस वक्त उससे चार बांड पेपर पर हस्ताक्षर करवाया गया था. साथ ही एटीएम कार्ड और चेकबुक रख लिया था. श्री दास का आरोप है कि बाद में कृष्णा सुब्रमण्यम ने बांड पेपर पर कर्ज की राशि 2.20 लाख कर दिया, फिर हर माह 22 हजार रुपया सूद (10 प्रतिशत) लेने लगा. अब छह लाख रुपये का चेक बाउंस होने का नोटिस भेजा है. सूदखोर के चंगुल में फंसे लोगों को नोटिस मिलने का सिलसिला तब शुरू हुआ है, जब पुलिस ने सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई की.
जिस चेक को स्टॉप कराया, उसे भी बाउंस करा दिया: कृष्णा सुब्रमण्यम ने रवि पात्रो को भी एक नोटिस भेजा है. चार लाख रुपये का चेक बाउंस होने का. रवि पात्रो ने बताया कि जिस चेक (नंबर-968366) के बाउंस होने का नोटिस आया है, उसे 22 सितंबर को कृष्णा सुब्रमण्यम द्वारा बैंक में जमा कराया गया था. रवि पात्रो के मुताबिक इस चेक के बारे में उसने 12 सितंबर को बैंक से जानकारी मांगी थी. बैंक द्वारा लिखित जानकारी दी गयी थी कि इस संख्या के चेक को 28 जुलाई को ही बंद कर दिया गया है.
17 एटीएम काव 2.50 लाख नकद हुआ था जब्त
सूदखोरों के आतंक से परेशान कर्मचारियों को पुलिस से कभी मदद नहीं मिली. पुलिस सूदखोरों को संरक्षण देती रही है. जून माह में आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता प्रभाकर तिर्की और कांग्रेस के जिला सचिव उपेंद्र सिंकू ने मामले की जानकारी कोल्हान प्रमंडल के डीआइजी आरके धान को दी. डीआइजी श्री धान ने उन्हें किरीबुरु के एएसपी मो अर्शी के पास भेजा. सेल के कर्मचारी फ्रांसिस हंस ने एएसपी मो अर्शी से लिखित शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने सूदखोरों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. बैंक से बात कर एटीएम के आसपास सादे इलाके में पुलिस के जवानों की तैनाती की गयी.
एक जुलाई को सूदखोर अरुण सुब्रमण्यम और राजेंद्र गुप्ता जैसे ही कर्मचारियों का एटीएम कार्ड लेकर एटीएम में पहुंचे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. दोनों के पास से पुलिस ने 17 कर्मचारियों का एटीएम कार्ड और करीब 2.50 लाख रुपया बरामद किया. इसके बाद पुलिस ने फ्रांसिस हंस के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया. एक माह के भीतर सभी जमानत पर जेल से छूटे. जेल से निकलने के बाद सुब्रमण्यम बंधुओं ने उन कर्मचारियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया, जिन कर्मचारियों के एटीएम को पुलिस ने जब्त किया. कर्मचारियों के मुताबिक सुब्रमण्यम बंधुओं द्वारा चेक पर मन मुताबिक राशि भर कर चेक बाउंस कराया गया. फिर चेक बाउंस का नोटिस भेजा जा रहा है.