रांची/ धनबाद : शिक्षक नियुक्ति काउंसलिंग में बुधवार को धनबाद में छह फरजी अभ्यर्थी पकड़े गये़ सतगांवा के रंजीत कुमार निराला ने बताया कि 35 हजार में शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रमाण पत्र बनवाया था़ नौकरी मिलने के बाद डेढ़ लाख रुपये और देने की बात है. खेत बेच कर पैसे दिये थे. वह बुधवार को प्रारंभिक स्कूलों में हो रही शिक्षक नियुक्ति की चौथे चरण की काउंसलिंग में शामिल होने आया था.
काउंसलिंग डीएसइ कार्यालय में हुई़ इस दौरान पांच अन्य अभ्यर्थी भी फर्जी टेट प्रमाणपत्रों के साथ पकड़े गये. चार अभ्यर्थी काउंसलिंग में लगे शिक्षकों को धोखा देकर निकल गये. रंजीत ने बताया कि सतगांवा के अयोध्या पांडेय ने ही उसे टेट का प्रमाणपत्र दिया था. रंजीत के पिता चंद्रिका प्रसाद किसान हैं.
पकड़े गये अभ्यर्थियों का परिचय
रंजीत कुमार निराला : सर्वोदय उच्च विद्यालय, सुगरी, नवादा से मैट्रिक की परीक्षा में द्वितीय श्रेणी एवं रामलखन सिंह इंटर महाविद्यालय, नवादा से इंटर परीक्षा में तृतीय श्रेणी से सफलता मिली.
बिरेंद्र कुमार : पांच हजार रुपये में नवादा से टेट का फर्जी प्रमाणपत्र एक व्यक्ति से खरीदा. पिता लक्ष्मण सिंह मंझने (गिरिडीह) निवासी हैं. रामरतन उवि सचैत, जहानाबाद से मैट्रिक परीक्षा में द्वितीय श्रेणी एवं एसजेएस कॉलेज कुरथा, जहानाबाद से द्वितीय श्रेणी से इंटर किया.
अन्य आरोपी अभ्यर्थी : गिरिडीह के मणिकांत पांडेय, हजारीबाग की कंचन कुमारी, विजय कुमार पांडेय व भोला चौधरी.
प्रमाण पत्र जब्त, पर आरोपी मुक्त
सभी छह आरोपी अभ्यर्थियों के फर्जी प्रमाणपत्रों को डीएसइ कार्यालय ने जब्त कर लिया है. अभ्यर्थियों से बांड भरवा कर छोड़ दिया गया. इस तरह धनबाद जिले में अब तक कुल 13 अभ्यर्थी फर्जी टेट प्रमाणपत्रों के साथ पकड़े जा चुके हैं. किसी भी अभ्यर्थी की अब तक न गिरफ्तारी हुई है और न ही उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. अयोध्या पांडेय का पुलिस की गिरफ्त से दूर होना भी सवालों के घेरे में है.
फर्जी प्रमाणपत्रों के रैकेट तक पहुंचने का प्रयास होगा. मामले में उपायुक्त से मार्गदर्शन लेंगे. पकड़े गये अभ्यर्थी पहले नहीं मान रहे थे, लेकिन बाद में उन लोगों ने गड़बड़ी स्वीकार कर ली.
बांके बिहारी सिंह, डीएसइ