ओके:::आयोजन. पूजा-अर्चना के साथ दो दिवसीय मुड़मा जतरा शुरूफोटो 1 जतरा में प्रवेश करते पाहनफोटो 2 उदघाटन करते अतिथिफोटो 3 जतरा खूंटा आदिवासी संस्कृति का प्रतीक है जतरा : बाउरीबाजे-गाजे के साथ जतरा में पहुंचे पाहनपाहनों ने की जतरा खूंटा की पूजा-अर्चनामांडर. चालीस पाड़हा के पहान, महतो, पुजार, मुड़ा, पैनभरा व सरना धर्म गुरुओं द्वारा जतरा खूंटा की पूजा-अर्चना के साथ दो दिवसीय मुड़मा जतरा मेला बुधवार को शुरू हुआ़ कला एवं संस्कृति मंत्री अमर कुमार बाउरी, कल्याण मंत्री लुइस मरांडी व विधायक गंगोत्री कुजूर ने संयुक्त रूप से जतरा की शुरुआत की़ समारोह में मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि आदिम जनजाति के लोग आदिकाल से ही विश्व में जहां कहीं भी हैं, अपनी परंपरा व संस्कृति के माध्यम से एक सूत्र से जुड़े हुए हैं. मुड़मा जतरा स्थल भी एक सूत्र में उन्हें एक दूसरे से जोड़ने का काम कर रही है. उन्होंने मुड़मा जतरा के माध्यम से परंपरा व संस्कृति को बरकरार रखने के लिए प्रयास कर रहे सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा व अन्य लोगों की प्रशंसा की़ कहा : सरकार की ओर से यहां के विकास के लिए जो भी मदद होगी, की जायेगी. कला एवं संस्कृति विभाग से यहां के सौंदर्यीकरण के लिए चार करोड़ नौ लाख रुपये की राशि दी गयी है, जिससे निश्चित रूप से मेले में आने वाले लोगों को लाभ मिलेगा. कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने मुड़मा जतरा को सामाजिक समरसता का अनोखा संगम बताया़ कहा : यह परंपरा व संस्कृति की पहचान के साथ एक बाजार भी है, जो स्थानीय स्तर के छोटे व्यवासियों को मंच देता है, जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत होती है़ उन्होंने कल्याण विभाग से क्षेत्र के विकास के लिए सभी मांगों काे धीरे धीरे पूरा करने की बात भी कही. विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि समाज में समन्वय स्थापित करने में मुड़मा जतरा की अहम भूमिका है. यहां सभी समुदाय के लोग मिल जुल कर शामिल होते हैं. प्रो प्रवीण उरांव ने मुड़मा जतरा के संबंध में प्रकाश डाला. संचालन धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने किया. इससे पहले बाजे-गाजे व पाड़हा के झंडे के साथ मेला स्थल पर पहुंचे पाहनों ने परंपरा के अनुसार सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा की अगुवाई मे अधिष्ठात्री शक्ति के प्रतीक जतरा खूंटा की परिक्रमा व पूजा-अर्चना की. यहां 40 पाड़हा के प्रतीक स्वरूप पाहनों ने दीप जलाया. आदिवासियों की परंपरा व संस्कृति से ओत प्रोत 24 घंटे के इस जतरा के उदघाटन के बाद से ही लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गयी़ मेले मे खेल तमाशे बिजली चालित झूले, सर्कस, मौत का कुआं आदि की भरमार है. सौंदर्य प्रसाधन, दैनिक उपयोग व कृषि उपयोग के सामान, खिलौने, फास्ट फूड, ईख, मिठाई व खाने पीने की भी कई दुकानें लगी हुई हैं. मेला में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, कृषि विभाग, भारतीय किसान संघ, स्वास्थ्य विभाग, पर्यावरण विभाग, पौधा सरंक्षण विभाग की ओर से स्टाॅल लगाये गये हैं. मेला में शांति व विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रशासन की ओर इंतजाम किये गये हैं. मेले को चार जोन में बांट कर दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के साथ अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा लाठीधारी व महिला पुलिस को भी यहां तैनात किया गया है. ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, डीएसपी प्रमोद केसरी, इंस्पेक्टर बंधन बाखला स्वयं मेला में कैंप किये हुए हैं. राजी पाड़हा मुड़मा जतरा संचालन समिति के लोगों ने बताया कि काफी संख्या में उनके स्वयंसेवक भी मेला में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं. मेला के उदघाटन के मौके पर रंथु उरांव, अनिल उरांव, जतरू उरांव, बिरसा उरांव, बिहारी उरांव, सहदेव उरांव, कमले उरांव, एतो उरांव, रेणु उरांव व लक्षमण उरांव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. मेले मे मुड़मा व सुरसा के पाहन महादेव पहान, तेजु पहान, ग्रामीण एसपी राजकुमार लकड़ा, डीएसपी प्रमोद केसरी, सीओ मुमताज अंसारी, बीडीओ गोपी उरांव व थाना प्रभारी राम नारायण सिंह को राजी पाड़हा जतरा समिति की ओर से सम्मानित किया गया. मेला का मुख्य आकर्षण दूसरे दिन शाम को होता है़ जब पाड़हा के लोग अपने पाड़हा प्रतीक काठ के हाथी, घोड़े, बाघ, चीता, मगर, मछली व रंपा-चंपा व झंडो के साथ नाचते गाते मेले में शामिल होने आते हैं.
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ओके:::आयोजन. पूजा-अर्चना के साथ दो दिवसीय मुड़मा जतरा शुरू
ओके:::आयोजन. पूजा-अर्चना के साथ दो दिवसीय मुड़मा जतरा शुरूफोटो 1 जतरा में प्रवेश करते पाहनफोटो 2 उदघाटन करते अतिथिफोटो 3 जतरा खूंटा आदिवासी संस्कृति का प्रतीक है जतरा : बाउरीबाजे-गाजे के साथ जतरा में पहुंचे पाहनपाहनों ने की जतरा खूंटा की पूजा-अर्चनामांडर. चालीस पाड़हा के पहान, महतो, पुजार, मुड़ा, पैनभरा व सरना धर्म गुरुओं द्वारा […]
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