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412 मेडिकल कॉलेज में 52 हजार एमबीबीएस की सीटें

412 मेडिकल कॉलेज में 52 हजार एमबीबीएस की सीटें इंजीनियरिंग के बाद छात्रों में मेडिकल का क्रेज अधिक विकास जी का लोगो भी लगेगा इंजीनियरिंग के बाद छात्रों में मेडिकल का क्रेज अधिक दिखता है़ हर साल बड़ी संख्या में बच्चे इस क्षेत्र में कैरियर बनाते हैं. मेडिकल काउंसिल के अक्तूबर 2015 तक के आंकड़े […]

412 मेडिकल कॉलेज में 52 हजार एमबीबीएस की सीटें इंजीनियरिंग के बाद छात्रों में मेडिकल का क्रेज अधिक विकास जी का लोगो भी लगेगा इंजीनियरिंग के बाद छात्रों में मेडिकल का क्रेज अधिक दिखता है़ हर साल बड़ी संख्या में बच्चे इस क्षेत्र में कैरियर बनाते हैं. मेडिकल काउंसिल के अक्तूबर 2015 तक के आंकड़े के अनुसार देश में 412 मेडिकल संस्थान हैं, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हाेती है. इन संस्थाओं में 52, 225 सीटें हैं. आजादी के समय 19 मेडिकल कॉलेज थे और सिर्फ 1200 डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था थी़ मेडिकल विद्यार्थियों की श्रेणी श्योर शॉट एम्स-जिपमर अचीवर : इस श्रेणी में वैसे विद्यार्थी शामिल हैं, जो अत्यंत मेधावी होते हैं. ये एम्स और जिपमर (जवाहरलाल इंस्टीट्यूट आॅफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) जैसी कठिन प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं. इसके अलावा एआइपीएमटी में भी बेहतर रैंक लाने की क्षमता होती है़ श्योर शॉट एआइपीएमटी व शीर्ष प्राइवेट कॉलेज अचीवर : इस श्रेणी के विद्यार्थियों में एम्स व जिपमर की परीक्षा पास करने की क्षमता होती है़ इन्हें एआइपीएमटी में भी बेहतर रैंक मिलते हैं. श्योर शॉट स्टेट मेडिकल इंट्रेंस अचीवर : इस श्रेणी के विद्यार्थी में थोड़े असमंजस के साथ एआइपीएमटी इंट्रेंस क्वालिफाइ करने की क्षमता होती है़, लेकिन राज्य स्तरीय मेडिकल की परीक्षा अवश्य पास करते हैं. बॉर्डर लाइन स्टूडेंट्स : वे विद्यार्थी जो मेहनत बहुत करते हैं, लेकिन सीट काम होने के कारण एआइपीएमटी में क्वालिफाइ करके भी आॅल इंडिया रैंक नामांकन के लायक नहीं होते है़ं अंडर परफॉरमेंस स्टूडेंट्स : वे विद्यार्थी जो सिर्फ मैथ नहीं पढ़ पाने के कारण बायोलॉजी लेते हैं या जिस उत्साह से नामांकन लेते हैं, वैसी मेहनत 11वीं कक्षा में नहीं कर पाते हैं. उनके लिए 12वीं बोर्ड के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा में भी बेहतर करना मुश्किल हो जाता है़ राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल परीक्षाएम्स : एम्स अपने सात कैंपस के लिए परीक्षा लेती है़ इस परीक्षा द्वारा 672 एमबीबीएस सीटों पर दाखिला मिलता है़ परीक्षा तीन घंटे की और ऑनलाइन होती है़ पेपर 200 अंकों का होता है़ एआइपीएमटी : यह परीक्षा सीबीएसइ द्वारा ली जाती है़ पूरे देश के मेडिकल कॉलेजों की 15 फीसदी एमबीबीएस व बीडीएस सीटों पर दाखिला लिया जाता है़ परीक्षा आॅफलाइन 720 अंकों की होती है़ समय तीन घंटे निर्धारित है़ एफएमसी : इसमें एआइपीएमटी के माध्यम से ही दाखिला मिलता है़ इसके माध्यम से आर्मी के मेडिकल काॅलेज की 130 सीटों पर नामांकन होता है़ सीएमसी वेल्लोर : इस परीक्षा द्वारा 100 मेडिकल सीटों मेें एडमिशन होता है़ परीक्षा ऑनलाइन दो चरणों में ली जाती है़ परीक्षा तीन घंटे 10 मिनट की होती है़ इसके लिए 300 अंक निर्धारित होते हैं. सीएमसी लुधियाना : इसकी परीक्षा तीन घंटे की होती है़ इसके माध्यम से एमबीबीएस की 75 और बीडीएस की 40 सीटों पर दाखिला होता है़ परीक्षा 200 अंकों की ऑनलाइन ली जाती है़ जिपमर : यह परीक्षा ऑफलाइन ढाई घंटे की होती है़ पेपर 200 अंक का होता है. इसके माध्यम से 150 सीटों पर दाखिला मिलता है़ एमजीआइएमएस वर्धा : यह परीक्षा 240 अंकों की ली जाती है़ परीक्षा ऑफलाइन तीन-तीन घंटे के दो सत्र में आयोजित होती है़ इसके द्वारा 100 मेडिकल सीटों के लिए दाखिला मिलता है़ मणिपाल एमओयूइटी : इस परीक्षा द्वारा एमबीबीएस व बीडीएस की 750 सीटाें पर दाखिला मिलता है़ परीक्षा ऑनलाइन होती है़ 200 अंकों की परीक्षा के लिए ढाई घंटे का समय दिया जाता है़ बीवीपी-सीइटी : इस परीक्षा के माध्यम से पांच संस्थानों की 800 सीटों पर दाखिला होता है़ परीक्षा 200 अंकों की ऑफलाइन ली जाती है़ इसके लिए ढाई घंटे का समय दिया जाता है़ किट केअाइएमएस : इसकी परीक्षा 480 अंकों की होती है़ परीक्षा ऑनलाइन तीन घंटे की ली जाती है़ इसके द्वारा 200 एमबीबीएस व बीडीएस सीटों पर नामांकन होता है़ केएलइआइ : इस परीक्षा द्वारा दो संस्थाआें की 300 सीटाें पर दाखिला लिया जाता है़ परीक्षा ऑनलाइन तीन घंटे की ली जाती है़ परीक्षा 200 अंकों की होती है़एएमयू : इस परीक्षा द्वारा 145 एमबीबीएस सीटों पर दाखिला लिया जाता है़ परीक्षा ऑफलाइन तीन घंटे की होती है़ परीक्षा 200 अंकों की होती है़ आइपीयू मेडिकल : तीन संस्थाओं की 265 सीटों पर दाखिले के लिए परीक्षा ली जाती है़ परीक्षा आॅफलाइन तीन घंटे की होती है़ पेपर 600 अंक के होते हैं. राज्य स्तरीय परीक्षाबिहार मेडिकल : इस परीक्षा द्वारा बिहार की 10 संस्थाओं में एमबीबीएस की 950 और बीडीएस की 40 सीटों पर एडमिशन होता है. परीक्षा ऑफलाइन दो चरणों में ली जाती है़झारखंड मेडिकल : इसके द्वारा झारखंड की चार मेडिकल संस्थाओं में नामांकन मिलता है़ इसमें एमबीबीएस की 290 और बीडीएस की 100 सीटें शामिल हैं. 150 अंकों की परीक्षा तीन घंटे की होती है़ परीक्षा ऑफलाइन ली जाती है़पश्चिम बंगाल मेडिकल : इस परीक्षा द्वारा राज्य की 1769 एमबीबीएस और 308 बीडीएस सीटों पर नामांकन होता है़ परीक्षा ऑफलाइन ली जाती है़ यह 250 अंकों की होती है़ कोमडेक : इस परीक्षा द्वारा 37 संस्स्थानों में नामांकन होता है़ परीक्षा तीन घंटे की होती है़ 240 अंक निर्धारित होते हैं.

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